Budh Grah Video: ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को तटस्थ ग्रह और ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। जबकि पौराणिक आख्यानों में इन्हें चंद्रमा और तारा का पुत्र बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को कन्या और मिथुन राशियों पर स्वामित्व प्राप्त है। कन्या इसकी उच्च राशि और मीन नीच राशि मानी जाती है।
बुध उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। ये जातक की कुंडली में बुध की स्थिति, भाव, प्रभाव और ग्रहों की संगति के अनुसार शुभ अशुभ फल देता है। जिस जातक की कुंडली में बुध कमजोर हो तो वह संकोची हो जाता है। अपनी बात रखने में उसे परेशानी होती है।
इसके साथ ही वह जातक अपने वाणी पर नियंत्रण नहीं रख पाता वाणी के कारण उनके कार्य बिगड़ जाते हैं।
वहीं, बुध अनुकूल रहने पर जातक तीक्ष्ण बुद्धि और तर्क शक्ति वाला होता है। उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली और लोगों को आकर्षित करने वाला है। ऐसे व्यक्ति को कारोबार, नौकरी में उन्नति मिलती है और घर परिवार में उसका जीवन सुख पूर्वक बीतता है।
बुध को प्रसन्न करने के उपायः बुध ग्रह के आराध्य देवता भगवान विष्णु हैं और ईष्ट गणेशजी हैं। अगर आपको बुध के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं तो सुबह के समय भगवान विष्णु की पूजा करें। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें और गणपति का ध्यान करें। वहीं, बुध की महादशा के दौरान बुध की होरा और नक्षत्र में अभिमंत्रित बुध यंत्र को धारण करें या घर में स्थापित कर पूजा करें। बुध ग्रह की कृपा पाने या इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए विधारा की जड़ पहन सकते हैं। यह जड़ पहनने का समय बुधवार के दिन बुध का होरा और बुध के तीनों नक्षत्र हैं। इसके अलावा बुध शांति के लिए चार मुखी और दस मुखी रूद्राक्ष धारण करना भी शुभ फल देने वाला होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह को शांत करने के लिए हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, हरे रंग के वस्त्रों, कांस्य के बर्तन और हाथी के दांतों से बनी चीजों का दान करना भी शुभ फलदायक होता है। बुध से संबंधित दान बुधवार के दिन बुध के होरा और इसके नक्षत्रों में करना चाहिए।
लाल किताब के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर है तो उसे पन्ना रत्न पहनना चाहिए (हालांकि किसी ज्योतिषी को कुंडली दिखाकर इस पर अमल करें)। यदि किसी कारणवश आप पन्ना स्टोन नहीं पहन सकते हैं तो इसकी जगह विधारा मूल को धारण कर सकते हैं। बुध ग्रह की शांति के लिए चार मुखी रूद्राक्ष भी पहना जाता है। लाला किताब के अन्य उपाय के अनुसार रात को मूंग दाल भिगोकर रखें और सुबह इसे जानवरों को खिला दें। किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर चावल और दूध का दान करें।