वाराणसी. ‘काश्यां मरणं मुक्ति’.. कहते हैं, काशी में मरने वाले के कानों में स्वयं भगवान शिव मोक्ष का मंत्र (राम) फूंकते हैं। शिव पुराण में लिखा है कि भगवान शिव हमेशा ही इस पावन धरती पर बसते हैं। काशी में ही एक अति प्राचीन कुंड है, जिसका नाम पिशाच मोचन कुंड है। मान्यता है कि यहां श्राद्ध करने पर पूर्वजों को प्रेत योनि से मुक्ति मिलती है। पितृ पक्ष शुरू हैं। ऐसे में पितरों को तारने की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के यहां आने का सिलसिला शुरू हो चुका है।