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सीईआइआर पोर्टल पुलिस के लिए बन रहा मददगार
चौमूं.
मोबाइल चोरी किए जाने के बाद अब चोर पुलिस से बच नहीं पाएगा। केंद्र सरकार का सीईआइआर पोर्टल पुलिस के लिए त्वरित मददगार साबित हो रहा है। इस पोर्टल के जरिए पुलिस गुम एवं चोरी हुए मोबाइल फोनों को आसानी से ट्रेस कर पा रही है। चौमूं थाना पुलिस ने थाना परिक्षेत्र में पिछले दिनों गुम हुए मोबाइल फोन पोर्टल के जरिए ट्रेस कर बरामद करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने तकरीब 22 फोन ट्रेस कर बरामद किए है। थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा ने बताया कि पिछले दिनों मोबाइल फोन गुम होने पर फोन धारकों ने शिकायत दर्ज करवाई थी। मामले में उनके नेतृत्व में साइबर एक्सपर्ट एवं कांस्टेबल संजय कुमार की मदद से इलाके से गुम/चोरी हुए मोबाइल फोनों को ट्रेस करने का प्रयास किया। भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही विशेष साइट सीईआइआर पोर्टल पर डाटा अपलोड करने के संबंध में मोबाइल धारकों को विशेष दिशा निर्देश दिए एवं थाने में भी पोर्टल पर डाटा अपलोड किया। उक्त पोर्टल पर मोबाइल एक्टीव होने की सूचना प्राप्त होने पर मोबाइल फोनों को ट्रेस किया। मोबाइल फोन देश के भिन्न-भिन्न रा’यों में ट्रेस आउट हुए। जिनके संबंध में डाटा डवलप कर गुम हुए 22 मोबाइल फोन ट्रेस कर बरामद किए। जिसमें से कई धारकों को वापस सुपुर्द कर दिया और शेष को भी सुपुर्द किया जाएगा। (कासं.)
यूं मिलता है मैसेज
थाना प्रभारी ने बताया कि मोबाइल के गुम या चोरी होने पर थाने में आवेदन करना होगा और फिर केंद्र सरकार के सीईआइआर (सेंट्रल इक्यूपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) पोर्टल पर शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद मोबाइल का इस्तेमाल देश में कहीं भी हुआ तो शिकायत करने वाले को मैसेज मिलेगा।
पोर्टल पर ऐसे करें शिकायत
– मोबाइल चोरी या गुम होने पर थाने में आवेदन दें।
– सीईआइआर पोर्टल पर ब्लॉक/ फोन गुमने के विकल्प पर जाएं।
– फार्म में जरूरी जानकारी जैसे आइएमइआइ, फोन नंबर भरें।
– फॉर्म के साथ पुलिस को दिए आवेदन की कॉपी, पहचान पत्र, मोबाइल का बिल अपलोड करें।
– रिक्वेस्ट आइडी मिलेगी। इससे फोन की स्थिति जांच सकेंगे।
आईएमईआई हो जाती है ब्लॉक
थाना प्रभारी ने बताया कि चोरी एवं गुम मोबाइल की पोर्टल के माध्यम से आईएमईआई ब्लॉक हो जाती है। जो भविष्य में किसी के द्वारा भी उस मोबाइल में सिम डालने पर उसकी सूचना पोर्टल के माध्यम पुलिस को प्राप्त हो जाती है। एक संदेश परिवादी के पास भी जाता है। लेकिन सिम डालने वाला उस फोन को उपयोग मे नहीं ले सकता है। इसके बाद सूचना के आधार पर प्राप्त मोबाइल नम्बर की डिटेल प्राप्त कर फोन बरामद कर लिया जाता है। परिवादी को फोन सुपुर्द करते समय पोर्टल के माध्यम से पुलिस आईएमईआई अनब्लॉक कर देती