26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बांसवाड़ा

Video… जीजीटीयू की 10 दिवसीय कार्यशाला के समापन पर बोले सेशन जज : सागर में मोती चुनने के समान है रिसर्च वर्क

गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित रिसर्च मैथडलॉजी वर्क शॉप के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिला एवं सेशन न्यायाधीश पीएस तोमर ने कहा कि अनुसंधान कार्य तपस्या और साधना है। महासागर में मोती चुनने के लिए गहरे पानी में गोता लगाना होता है उसी प्रकार अनुसंधान क दौरान विषय की गहराई में उतरने पर ही नई जानकारी सामने आती है।

Google source verification

बांसवाड़ा. गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित रिसर्च मैथडलॉजी वर्क शॉप के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिला एवं सेशन न्यायाधीश पीएस तोमर ने कहा कि अनुसंधान कार्य तपस्या और साधना है। धैर्य अत्यंत जरूरी है। महासागर में मोती चुनने के लिए गहरे पानी में गोता लगाना होता है उसी प्रकार अनुसंधान क दौरान विषय की गहराई में उतरने पर ही नई जानकारी सामने आती है।

शुक्रवार को इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि रिसर्च में सवाल कई बार समान होते हैं, लेकिन जवाब हर बार कुछ नया मिलता है। जितनी गहनता से खोजा जाएगा उतनी नवीनता मिलेगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि बांसवाड़ा जैसे स्थान पर यह वर्क शॉप आयोजित हुई और देश के कई क्षेत्रों से विद्वान व शोधार्थी यहां आए हैं, जिससे क्षेत्र को अब पिछड़ा नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि यूथ में खोजी प्रवृत्ति जरूरी है। रिसर्च के लिए बुद्धि के साथ-साथ साहस की भी आवश्यकता हाती है।

Video…. बांसवाड़ा : प्राकट्योत्सव पर गूंजे भगवान श्रीनृसिंह के जयकारे, ठाठ से निकाली शोभायात्रा

समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने कहा कि आइसीएसएसआर के सौजन्य से यह 10 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें शोध प्रविधि की बारीकियों से अवगत कराया गया। वर्तमान में विकास और बाजार रिसर्च पर आधारित है। हर उत्पाद रिसर्च के बाद तैयार कर बेचा जा रहा है। बाजार पसरता जा रहा है। रिसर्च से कार्य आसान व योजनाबद्ध पूर्ण किया जा सकता है। शोध निदेशक डॉ एमपी सिंह राव ने कार्यशाला की गतिविधियों की जानकारी दी। इस दौरान कुल सचिव सोहन सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेन्द्रसिंह भाटी, प्राचार्य शिवलाल, राकेश डमोर, मोहकमसिंह, डॉ मधु उपाध्याय, डॉ सरला पण्ड्या सहित अन्य उपस्थित थे। शोधार्थियों ने भी अनुभव साझा किए। संचालन डॉ. अलका रस्तोगी ने किया।

 

बड़ी खबरें

View All

बांसवाड़ा

राजस्थान न्यूज़