बारां. जिला प्रशासन के आदेशानुसार रविवार को साप्ताहिक अवकाश के बावजूद शहर में अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाए गए। बुलडोजरों ने शहर के शाहाबाद रोड पर नियाना चौराहा के समीप स्थित करीब दो दर्जन पक्के निर्माण को मकान मालिकों की आंखों के सामने ध्वस्त कर दिया। इस दौरान लोगों ने खासा विरोध प्रकट किया, लेकिन अधिकारियों ने किसी की एक ना सुनी। अधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखने वालों को भी पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए खदेड़ दिया। इस दौरान शहर के लोगों और राहगीरों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा रही। इस दौरान नगरपरिषद के पूर्व सभापति कमल राठौर का पेट्रोल पम्प खास निशाने पर होने की चर्चा रही, लेकिन पेट्रोल पम्प के समीप रोड किनारे हो रहे फर्श ओर दीवार को हटाया गया। इसके बाद सुबह से रात तक अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही।
चिन्हित कर हटाए, और होगी कार्रवाई
नगरपरिषद आयुक्त रिंकल गुप्ता ने मौके पर बताया कि यह जिला प्रशासन, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जलसंसाधन और नगरपरिषद की संयुक्त कार्रवाई है। नगरपरिषद की ओर से ग्रीन बेल्ट, प्लांटेशन व हाइवे आदि के अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है, जो इमारते बची हुई है, उन्हें भी खाली करने के नोटिस दिए गए है। पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के मामले में उन्होंने कहा कि पक्षपातपूर्ण कार्रवाई नहीं है, बल्कि लोगों को खुश होना चाहिए। समय रहते अतिक्रमण हटाए जा रहे है। अतिक्रमण हटाने से पहले कितनी प्रक्रिया करनी पड़ती है। तमाम तरह की तैयारियां की जाती है।
पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप
एक मकान मालिक का कहना था कि नगरपरिषद से अनुमती मिलने के बाद ही मकान बनाया गया था। मकान बनाए हुए भी 8-10 बरस हो गए। उस समय नगरपरिषद कहां थी। अब छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहा जाऊंगा। बाजार का करीब 35 लाख का कर्जा है। अब आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उसने आरोप लगाते हुए कहा कि पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की जा रही है। आगे की इमारतों को नहीं तोड़ा गया है।