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बाड़मेर

ये कौन आदमी है जो लता मंगेशकर की आवाज में गाने लगा है?

लता मंगेशकर के स्वर्ग सिधारने के बाद यह कौन है जो लता की आवाज में गाने लगा है। ऐ मेरे वतन के लोगों, सत्यम् शिवम् सुन्दरम् और अन्य गानों को गाने वाले बाड़मेर के कलाकार स्वरूप पंवार के कंठ से लता के नगमें जब गूंजते है तो फर्क महीन सा निकलता है लेकिन आवाज लता से मिलती जुलती है।

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बाड़मेर.
लता मंगेशकर के स्वर्ग सिधारने के बाद यह कौन है जो लता की आवाज में गाने लगा है। ऐ मेरे वतन के लोगों, सत्यम् शिवम् सुन्दरम् और अन्य गानों को गाने वाले बाड़मेर के कलाकार स्वरूप पंवार के कंठ से लता के नगमें जब गूंजते है तो फर्क महीन सा निकलता है लेकिन आवाज लता से मिलती जुलती है।
थार नगरी बाड़मेर में भी पिछले 27 वर्षों से सुर कोकिला लंता मंगेश्वर के गाने स्वरूप पंवार के सुरों में गाये जाते है। शहर के राय कॉलोनी स्थित बेरियों का वास निवासी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार स्वरूप पंवार हुबहु लता मंगेश्वर के गीतों को गाते है तो थार के वाशिंदे दाद देते नहीं थकते। रविवार को सुर कोकिला के देहांत का समाचार सुनकर कला प्रेमियों में शोक की लहर छा गई।
45 वर्षों से लता के गीतों की लग्न
स्वरूप पंवार के पिता बखताराम दजीज़् भरतपुर में सिलाई का कायज़् करते थे। इस दौरान स्वरूप के घर के सामने लक्ष्मीनारायण मंदिर में सुबह शाम लता के गाये गीत सत्यम् शिवम सुंदरम्, यशमति मैया से बोले नंदलाल व आरती राधा मोहन, श्याम मोहन के गीत स्वरूप के दिल में घर कर गये। इसके बाद से लगातार स्वरूप ने लता के गीतों का घर में लगे मोनेाग्राम पर अभ्यास किया। वतज़्मान में जब स्वरूप लता की आवाज में गाते है तो लोग गीतों की दाद देते है।
राष्ट्रीय पर्व पर होती है प्रस्तुति
जिला प्रशासन की ओर से स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस सहित अन्य आयोजनों पर स्वरूप पंवार लता का प्रसिद्ध गीत ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आंख में भर लो पानी की प्रस्तुति देते है। इसके अलावा शादी समारोह व अन्य आयोजनों पर भी स्वरूप् लता के गीतों की प्रस्तुति देते है।
मिलने की ईच्छा रह गई अधूरी
स्वरूप पंवार बताते है कि लता मंगेश्वर से बहुत कुछ सीखने को मिला। मिल तो नहीं पाया पर मां जैसा प्यार मिला ऐसी अनुभूति होती है। वह समूचे देश के लिए आदशज़् है। देश के लए गर्व का विषय है कि ऐसे महान कलाकार इस देश को मिले। उनकी कमी जीवन भर खलेगी।