– दुकानदारों एवं मकान मालिकों ने लगा रखे हैं जाल- स्कूल गेट पर बदरों का पहरा
बस्सी @ पत्रिका. शहर में बंदरों का आतंक इस कदर है कि पता नहीं बंदर कब आए जाए कब किसकों जख्मी कर जाए, कब कौनसी चीज उठा ले जाए। बंदरों से बचाव के लिए शहर में दुकानदारों एवं मकान मालिकों ने बंदरों से बचाव के लिए लोहे की जालियां लगा रखी है। इधर शहर में आवारा जानवर व बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी नगरपालिका की है, लेकिन नगरपालिका बेपरवाह है। शहर में बंदर मकानों की छतों, मकानों के कमरों एवं दुकानों में घुस कर कोई ना कोई चीज उठा ले जाते हैं। बंदरों ने कई लोगों को जख्मी कर दिया है।
जानकारी के अनुसार शहर के कौने – कौने में बंदरों का आतंक है, हजारों की संख्या में बंदर बेखौफ घूम रहे हैं। कई दुकानदारों एवं मकान मालिकों ने इनसे बचाव के लिए लोहे के जालियां तक लगा रखी है। बंदरों के भय के कारण लोग मकानों की छतों पर जाने से कतराते हैं। महिलाएं जब छतों पर कपड़े सुखाने या और कोई काम जाने से कतराती है। लाठी या डण्डा लेकर जाते है तब बंदर भागते हैं। कई बार तो बंदरों के झुण्ड आते हैं।
पुलिस थाने एवं एसीपी कार्यालय पर ही लोहे के जाली लगा रखी है…
शहर में आमजन ही नहीं यहां तक की पुलिस थाने एवं एसीपी कार्यालय में ही बंदरों से बचाव के लिए लोहे की जालियां लगा रखी है। बस्सी चक से शहर सारण तिराहे तक थड़ी – ठेलों एवं दुकानदारों ने बंदरों से बचाव के लिए लोहे की जालियां लगा रखी है। शहर निवासी एक दुकानदार बाबूलाल ने बताया कि शहर में बंदरों का भयंकर आतंक मचा हुआ है। बंदर कभी भी आ जाते हैं और कोई भी चीज उठा ले जाते हैं।
बालकों के कमरों में ही घुस जाते हैं बंदर…
शहर के चक रोड राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल न्यू कॉलोनी में गुरुवार को को एक साथ करीब एक दर्जन बंदर घुस गए। कई बंदर तो एचएम कार्यालय में घुस गए तो कई बालकों के कक्षा- कक्षों में ही घुस गए। अध्यापक रामगोपाल मीना ने बताया कि बंदरों का एक दिन का काम नहीं है, यहां तो आए दिन बंदर आते हैं। इससे स्कूल आने वाले छोटे बालकों को भय बना रहता है। (कासं )
वर्जन…
शीघ्र ही टैण्डर करवाए जाएंगे
शहर में बंदरों की किसी ने शिकायत नहीं की है, फिर भी बंदरों का आतंक तो है ही। शीघ्र ही टैण्डर जारी कर बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वाया जाएगा।
– दुर्गाशंकर मोर्य, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका बस्सी।