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लम्पी के मुआवजे में गड़बड़झाले की जांच के लिए बस्सी पहुंची टीम

- टीम ने पीडि़तों व चिकित्सकों के लिए बयान

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बस्सी @ पत्रिका. लम्पी बीमारी के दौरान जिन पशुपालकों की गायों की मौत हुई थी, उनमें से कई पशुपालकों को मुआवजा नहीं मिलने एवं कईयों की गायों की मौत ही नहीं हुई, जिनको मुआवजा मिलने की शिकायत की जांच करने के लिए बुधवार को पशुपालन विभाग के निदेशक ने तीन चिकित्सकों की टीम गठित कर जांच के लिए भेजा है। जांच टीम ने पीडि़तों एवं बस्सी पशु चिकित्सालय के नोडल अधिकारी के भी बयान लेकर कई तथ्यों पर जांच की।

राजस्थान पत्रिका के 25 जून के अंक में लाभार्थियों की सूची में लापरवाही का लम्पी शीर्षक से खबर प्रकाशित होने के बाद पशुपालन विभाग के निदेशक ने हिंगोनिया गोशाला के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. राधेश्याम मीना के नेतृत्व में तीन चिकित्सकों की टीम का गठन किया। बुधवार को यह टीम बस्सी पशुपालन विभाग के चिकित्सालय पहुंची।


जांच टीम ने पशुपालन विभाग के बस्सी नोडल अधिकारी एवं पशु चिकित्सक डॉ. ओम प्रकाश बैरवा , पीडि़त राजकुमार अखरिया व पीडि़त राम प्रसाद वर्मा के बयान लिए। पीडि़तों के साथ आए पूर्व जिला परिषद सदस्य बेनी प्रसाद कटारियां, जिन्होंने इस मामले की पशुपालन विभाग के निदेशक को शिकायत भेजी थी, उनसे भी बात की। जांच टीम प्रभारी डॉ. राधेश्याम मीना ने बताया कि वे यहां से जांच रिपोर्ट पशुपालन विभाग के निदेशक को साैंपी जाएगी।

टीम ने टीम प्रभारी के अलावा तूंगा नोडल अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा एवं जमवारामगढ़ नोडल अधिकारी डॉ. उमाशंकर गुप्ता भी साथ थे।
चौंकाने वाले सबूत पेश करने का दावा
बस्सी शहर निवासी पशुपालक एवं पीडि़त राम प्रसाद वर्मा ने टीम के सामने कहा कि बस्सी में लम्पी के दौरान मृत गायों के मुआवाजे के फर्जीवाड़े के ऐसे सबूत है, जिनसे साबित हो जाएगा कि यहां पर यहां पर कई ऐसे पशुपालक जिनकी गाय की ही मौत नहीं हई और उनको कमीशन लेकर मुआवजा सूची में नाम जोड़ा गया है।

चिकित्सक एवं पशुपालकों में बहस

जांच टीम ने जब पशुचिकित्सक एवं नोडल अधिकारी से पूछा कि पीडि़त का नाम मुवाअजा सूची में क्यों नहीं है तो पशुचिकित्सक ने दोनों ही शिकायत करने वाले पशुपालकों को पहचानने से मना कर दिया। इस पर पीडि़त पशपालकों एवं चिकित्सक के बीच टीम के सामने ही तीखी बहस हो गई। इस पर पूर्व जिला परिषद सदस्य ने भी नोडल अधिकारी के खिलाफ कई आरोप लगाए। कासं