भरतपुर. मतदान की तारीख करीब आते ही मौसम के साथ ही अब सियासत भी गर्म है। जहां अब तीनों ही दलों के राष्ट्रीय नेताओं की सभाओं का आगाज हो रहा है और बयानों के तीर के बीच हर कोई भाषण से वोटरों पर प्रभाव छोडऩे की कोशिश में जुटा है। वहीं विवादास्पद बयानों का दौर भी शुरू हो गया है। कामां से कांग्रेस की विधायक जाहिदा खान ने भी रविवार को कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी के समर्थन में गांव बोडोली डहर में हुए कार्यक्रम में विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि मेवात जिसके साथ लग जाता है और छतीस बिरादरी का साथ मिलता है, जिस तरीके से स्वागत हो रहा है तो ऊपर वाले ने चाहा तो अभिजीत एमपी बन जाएंगे। लेकिन मेरी जितनी वोट तो मत देना, उनको बढ़ाकर ही देना। कोई बहुत ज्यादा डिब्बा नहीं भरे थे आपने। सब गुर्जरवाद में बह गए थे। पांच साल तक तो आप सभी ने तन, मन, धन भी लगाया, लेकिन जब विधानसभा चुनाव आए और वोट देने का नंबर आया तो उस दिन गुर्जर बन बैठे। अबकी बार हाथ जोड़े की विनती है कि इस गल्ती को मत करना।
जाहिदा ने जाति व समुदाय विशेष का नाम लेकर कहा कि जब वे साथ चोरी कर सकते हैं तो वोट क्यों नहीं देे सकते? जितना मेरे खानदान और पिता मरहूम चौधरी तैयब हुसैन ने गुर्जरों का साथ दिया, उतना तो कोई नहीं दे सकता। इधर, इस बयान की वीडियो वायरल होने के बाद मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग में भी की गई है। जब इस प्रकरण में जाहिदा खान से बात की तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।
जाहिदा के बयान के मायने क्या ?
चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में कामां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की जाहिदा खान के सामने भाजपा ने विधायक जगत सिंह के चुनाव लडऩे से मना करने पर डांग विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष जवाहरसिंह बेढम को प्रत्याशी बनाकर उतारा था। उन्होंने गुर्जर वोटों का ध्रुवीकरण काफी हद तक किया था। हालांकि जीत कांग्रेस की हुई थी। जाहिदा ने बयान में उसी बात पर प्रहार किया है।