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भरतपुर

VIDEO…पटवारी बोला: कलाकंद से नहीं, ये तो रसमलाई है, चाहिए 20 हजार की रिश्वत और…

-नामांतरण खोलने के एवज में पहले 20 हजार, फिर तीन हजार रुपए लेते पटवारी रंगे हाथ पकड़ा-तीन हजार रुपए लेते समय और मांगे 20 हजार रुपए

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भरतपुर. जिले के हलैना में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने नामांतरण के एवज में तीन हजार रुपए की रिश्वत लेते पटवारी को गिरफ्तार किया है। पटवारी 20 हजार रुपए की रिश्वत पहले ही ले चुका था।
पीडि़त गिरधर सिंह पुत्र समय सिंह जाट निवासी मुडिय़ा साद ने आमोली टोल प्लाजा के पास एक बीघा 14 बिस्वा जमीन खरीदी। इसका पीडि़त ने आठ मई को वैर में बयनामा लिखवाया और उसी दिन उप तहसील हलैना में उसकी रजिस्ट्री होनी थी, लेकिन घूसखोर पटवारी, ऑफिस बाबू व नायब तहसीलदार के विरोध के चलते रजिस्ट्री नहीं की गई। अगले दिन नौ मई को पीडि़त से 20 हजार रुपए लेने पर ही पटवारी ने बयनामा रजिस्टर्ड हुआ। हालांकि नायब तहसीलदार ने पटवारी की ओर से उसके नाम से पहले पैसे लेने व उसमें शामिल होने से साफ इंकार किया है। उन्होंने किसी राज्य कार्य से बाहर होने की वजह से बयनामा न होने की बात बताई। पटवारी को जब इस बात की जानकारी मिली की खरीदी गई जमीन आमोली टोल प्लाजा के पास नेशनल हाईवे से अटैच है तो उसकी रिश्वत की मांग बढ़ती चली गई। पटवारी ने पीडि़त से कहा कि कलाकंद से काम नहीं चलेगा यह तो रसमलाई है कहकर रिश्वत की मांग बढ़ाता चला गया। अंत में 24 मई को परवादी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। ट्रैप होने के चंद मिनट पहले ही जिस समय व रिश्वत की राशि ले रहा था उस समय उसने तीन हजार की बजाय 20 हजार रुपए देने की बात कही। इस पर परिवादी ने कहा कि इन्हें तो रखो और व्यवस्था करूंगा। इतने में ही एसीबी टीम ने पटवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। ट्रैप की कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश मीणा के निर्देशन में हैड कांस्टेबल रीत राम, रीडर हरभान सिंह, सिपाही विनोद कुमार, सुशील कुमार, रितेश कुमार, परसराम, दिलीप, गंभीर सिंह ने की।