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भीलवाड़ा

ओवरब्रिज को लेकर अब सभापति व विधायक खुलकर आए सामने

ओवरब्रिज का निर्माण डीएमएफटी फंड से कराएंगे-अवस्थीएनजीटी के आदेशों की वकीलों से समीक्षा करवाकर पुर्नविचार याचिका लगाएंगे-पाठक

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भीलवाड़ा. टेक्सटाइल सिटी भीलवाड़ा में एक और ओवरब्रिज बनाने के लिए शहर विधायक विट्टलशंकर अवस्थी व नगर परिषद सभापति राकेश पाठक खुलकर सामने आ गए हैं। ओवरब्रिज मामले पर दोनों ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत की। दोनों ने कहा है कि शहर में हर दिन लगने वाले जाम से निजात मिलनी चाहिए। बोले, ओवरब्रिज के लिए चाहे आन्दोलन करना पड़ेगा तो भी तैयार है।


विधानसभा में उठाता रहा हूं इस मुद्दे को
विधायक ने कहा कि ओवरब्रिज का निर्माण न होने पर वर्ष 2011 से हर साल विधानसभा में मामले को उठाया है। पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने भी जवाब में कहा था कि वे जिन्दल से ओवरब्रिज बनवाकर रहेंगे। उसके बाद कम्पनी ने किसी के माध्यम से एनजीटी में वाद दायर कर दिया। इसमें एक पर्यावरणविद् की भी मिलीभगत हो सकती है। किसी मजदूर को एनजीटी में खड़ा कर दिया जिसे एनजीटी के बारे में जानकारी भी नहीं होगी। एनजीटी में हजारों पेड़ों के कटने का हवाला दिया था। अवस्थी ने कहा कि उन्होंने रेलवे से 21.70 लाख का प्रस्ताव बनाकर जिन्दल को भिजवाया था। दस साल के संघर्ष के बाद राजस्थान पत्रिका ने मुद्दा उठाया तो जनता अब सक्रिय हुई है। यह ब्रिज बनना चाहिए। विधायक व सांसद कोष से भी राशि देने को तैयार है, लेकिन डीएमएफटी से इसका निर्माण होना चाहिए।
वकीलों से कराएंगे समीक्षा-सभापति
पाठक ने कहा कि एनजीटी के आदेशों की पांच वकीलों से समीक्षा कराने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जाएंगे। अप्रेल 2019 में नोरतमल शर्मा की याचिका पर एनजीटी ने जिंदल की ओर से बनाए जाने वाले आरओबी की जरूरत नहीं बताते हुए इसके वाद को निरस्त कर दिया था। तब तर्क दिया गया कि 3 अंडरब्रिज बना दिए इससे यातायात सुचारू रहेगा। पाठक ने कहा कि एनजीटी को यह देखना था कि इसके निर्माण में कितने पेड़ कटेंगे और पर्यावरण को क्या नुकसान होगा। लेकिन उसमें शहर विकास की अनदेखी कर दी गई। पाठक ने कहा कि सरकार से अपील करने की स्वीकृति मांगी है, स्वीकृति मिलते ही अपील की जाएगी।