ठाकुर महाराज ने भ्रूण हत्या नहीं करने का संदेश देते हुए कहा कि जिस घर में ऐसा पाप होता हो वहां कभी शांति नहीं हो सकती। शिशु की हत्या ब्रह्म हत्या से भी बड़ी हत्या है, जिसका कोई प्रायश्चित नहीं होता है
भीलवाड़ा.
प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कहा कि भगवान के बारे में जानने का प्रयास करेंगे तो अवश्य ये जान जाएंगे कि हम भी भगवान को देख सकते है लेकिन उसके लिए अपनी भक्ति को मीरा के स्तर पर पहुंचाना होगा। जिसने भी भगवान को जानने का प्रयास किया वह उसे अवश्य मिले हैं। भगवान को धु्रव, प्रहलाद, विभीषण ने देखा तो कलयुग में मीराबाई, सूरदास, नरसी और तुलसीदास ने भी भगवान को देखा है।
ठाकुर ने यह विचार रविवार को हनुमान टेकरी काठियाबाबा आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन व्यक्त किए। महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में कथावाचक ठाकुर महाराज ने श्रद्धालुओं को कृष्ण की बाल लीला सहित विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से भागवत श्रवण का महत्व समझाया। ठाकुर महाराज ने भ्रूण हत्या नहीं करने का संदेश देते हुए कहा कि जिस घर में ऐसा पाप होता हो वहां कभी शांति नहीं हो सकती। शिशु की हत्या ब्रह्म हत्या से भी बड़ी हत्या है जिसका कोई प्रायश्चित नहीं होता है.
आयोजन समिति के प्रभारी राजेश तोषनीवाल ने बताया कि कथा में विधायक गोपाल खण्डेलवाल, एडीएम (प्रशासन) राजेश गोयल, यूआईटी ओएसडी रजनी माधीवाल, नगर परिषद आयुक्त दुर्गाकुमारी, आरयूडीआईपी के अधीक्षण अभियन्ता सूर्यप्रकाश संचेती, पार्षद शिवलाल जाट का व्यास पीठ पर विराजित देवकीनंदन ठाकुर एवं महंत बनवारीशरण काठियाबाबा ने सम्मान किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष राधेश्याम चेचाणी, कैलाश कोठारी, राजेन्द्र कचोलिया, सत्यनारायण मूंदड़ा, राहुल डाड, कैलाश भदादा आदि सक्रिय रहे। कथा के छठे दिन सोमवार को कृष्ण विवाह का आयोजन होगा।
लगाया छप्पन भोग,गूंज उठे जयकारे
कथा पांडाल शाम को उस समय गिरिराज धरण के जयकारों से गूंज उठा जब भगवान गिरिराज को छप्पन भोग लगाया गया। काठियाबाबा ने भगवान को छप्पन भोग लगाया।