बेलतरा विधानसभा क्षेत्र में बिलासपुर नगर निगम का अरपापार क्षेत्र का इलाका शामिल हैं। नगर निगम सीमा क्षेत्र होने के कारण यहां बुनियादी सुविधाएं लोगों को आसानी से उपलब्ध हो रही हैं, लेकिन विधानसभा के ग्रामीण इलाकों में शहरी क्षेत्र की अपेक्षा विपरीत हालत हैं।रविवार को पत्रिका की टीम पहले ग्रामपंचायत पौंसरा पहुंची। स्थानीय विधायक रजनीश सिंह के गृह ग्राम पौंसरा में पेयजल के लिए नल और हैंडपंप लगे मिले, लेकिन इनमें पानी नहीं था। गांव के सड़क की हालत जर्जर थी र नालियों का पानी सड़क पर बह रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद चौथी बार चुनाव हुए हैं और अब पांचवी बार चुनाव होने जा रहे हैं,लेकिन गांव में नाली और सड़क की स्थिति एक जैसी और जस की तस है। नाली का पानी सड़क पर बहता और उन्हें बरसों से इसी से होकर गुजरना पड़ता है।
नल है लेकिन पीने के पानी के लिए, तालाब के पानी में नहाना पड़ रहा
विधानसभा ग्राम पैंसरा में पेयजल के लिए ग्रामीण हैंड पंपों के भरोसे हैं। यहां के आधा दर्जन से अधिक हैंडंपप सूखे हैं और जिनमें पानी आ रहा है उसका उपयोग लोग सिर्फ पीने का पानी भरने के लिए उपयोग कर रहे हैं। नहाने के लिए गांव वालों को मजबूरी में तालाब के गंदे पानी का उपयोग करना पड़ रहा है।
आज भी मांग रही इंदिरा आवास
ग्राम पौंसरा में रहने वाली रामेश्वरी बाई को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि इंदिरा आवास के लिए कई बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से मांग कर चुकी हैं । हर बार उनसे फार्म में अंगूठा लगवाया जाता है, लेकिन पिछले 15 वर्षों में उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। उनसे पूछा गया कि वह प्रधानमंत्री आवास के संबंध में जानती है तो कह दिया कि इस नाम को वह पहली बार सुन रही हैं।
बैमा में बुनियादी सुविधाएं नहीं
पत्रिका की टीम जब ग्राम पंचायत बैमा पहुंची तो वहां हैंड पंप खराब पड़े थे। सड़के आधी अधूरी बनी मिली, लेकिन यहां निकासी के लिए नालियां नहीं थी। सड़क पर नालियों का पानी बहता मिला। लोगों ने बताया कि सड़कों का निर्माण कई वर्ष पहले हुआ था, लेकिन कभी नालियां नहीं बनाई गई।
पेयजल की किल्लत
ग्राम बैमा में रहने वाली गौरी सूर्यवंशी का कहना है कि गांव में पेयजल के लिए हैंड पंप है, लेकिन वह भी विगत एक वर्ष से खराब है। पेयजल की किल्लत है। गांव में जिनके खेत में बोरिंग है वहां से पीने का पानी भरना पड़ रहा है।
नाली आज तक नहीं बनी
गांव में रहने वाली कृष्णा देवी ने बताया कि गांव में सड़क और निकासी की समस्या है। यहां सडकें कई साल पहले बनाई गई थी, लेकिन नाली आज तक नहीं बनी। निकासी का पानी सड़कों में बहता है और फिर धर के अंदर आ जात है।