बिलासपुर. कविता चौपाटी से के 39 वें अंक में युवा कवि एवं लेखक श्री कुमार श्री की रचनाओं का अनावरण पटल पर हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ गायिका शिवांगी नंदे और गिटारिस्ट विकास सिंह राजपूत द्वारा कबीर भजन…. मत कर माया को अहंकार मत कर काया को अभिमान …. मुझे क्या बेचेगा रुपैया ….. ओ री चिरैया नन्हीं से चिड़िया अंगना में फिर आजा रे…जैसे गीतों के सुमधुर प्रस्तुति से हुआ । पत्रकार एवं कवि वैभव शिव पांडेय द्वारा कविता चंदेनी गोंदा, कवि अंकुर शुक्ला द्वारा कविता शुतुरमुर्ग विशेषज्ञ डॉक्टर बुधिया विपुल तिवारी आदि द्वारा रचनाओं का पाठ हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर संभाग आयुक्त एवं साहित्यकार डॉक्टर संजय अलंग थे। उन्होंने कहा कि कविता चौपाटी से एक बेहतरीन मंच है जब आप कवि और कविता को लोक तक पहुंचने के लिए ऐसा उपक्रम करते हैं तो कविता चौपट होने से बचती है। युवा रचनाकार श्रीकुमार बधाई के पात्र हैं मैं उन्हें उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देता हूं।
अध्यक्षता कर रहे राघवेंद्र धर दीवान ने आज के दिन को ऐतिहासिक बताया और अपने सम्मान राशि भी संस्था को भेंट कर दी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में कथाकार कवि श्रीकांत वर्मा पीठ के अध्यक्ष रामकुमार तिवारी ने कहां की श्री कुमार कवि के अलावा एक अच्छे कहानीकार के रूप में पल्लवित हो रहे हैं उनकी पहली कहानी मैंने पढ़ी है जो कि आज देश में लिखे जा रहे कहानी की कसौटी पर खरी उतरती है पीठ द्वारा जल्द उनका कहानी पाठ रखकर उनके इस पक्ष को भी शहर के सामने लाया जाएगा।
श्री कुमार बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ देश की बड़ी साहित्य संभावना हैं।
वरिष्ठ साहित्यकार सतीश जयसवाल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कहा कि श्रीकुमार अपार संभावनाओं से भरे हैं और उनके साथ युवाओं की अच्छी खेप आ रही है उन्होंने शहर में कार्यक्रमों के द्वारा लोगों में नया रुझान पैदा किया है।
इससे पूर्व शायर सुमित शर्मा ने कवि श्री कुमार का परिचय देते हुए बताया कि बागबहार जशपुर से वे बिलासपुर पढ़ने के लिए आए थे और अब शहर में साहित्य जागरूकता का चेहरा बने हुए हैं वे हिंदी उर्दू अंग्रेजी सहित उड़िया छत्तीसगढ़ी बघेली भाषाओं के जानकार हैं। कविता ग़ज़ल छंद निबंध लेख सहित कहानी की विधा में भी सक्रिय हैं। श्लोक ध्वनि फाउंडेशन ,कविता चौपाटी से, उर्दूकाउंसिल के संस्थापक सदस्य एवं कई अन्य साहित्यिक संस्थाओं के पदाधिकारी भी है। शहर में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यिक कार्यक्रमों का कारवां शुरू करने में उनका बड़ा हाथ है उन्होंने नवांकुरों के लिए आकाशवाणी में काव्य बुलेटिन कार्यक्रम का संचालन एवं संयोजन किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन मुशायरों टीवी चैनल के कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है।
कवि श्री कुमार ने अपनी रचना मोबाइल के टावर पर बैठा एक पक्षी हूं मैं। और ग़ज़ल यहां अंधों को आईना दिखाया जा रहा है, सियासत से भरोसा जो लगाया जा रहा है। जिएंगे साथ में वादा किया था हमने एक इसी जिद पर तेरा नखरा उठाया जा रहा है । का पाठ किया उन्होंने कहा कि सड़क और गलियों में यहां अंतर होता है कि सड़क शहर या गांव से बाहर ले जाती है लेकिन गलियां ताउम्र शहर में ही भटकती रहती है और मैं इस शहर की गली हूं। इस शहर में रहते हुए साहित्य और संस्कृति के लिए कार्य करता रहूंगा। नए लिखने वाले और वरिष्ठ साहित्यकारों का पुल बना रहूंगा। मुझ पर जो संभावनाएं जताई गई हैं उन्हें पूर्ण करने की कोशिश करूंगा। माता पिता गुरुओं एवं परिवार को अपनी सफलता का श्रेय दिया।
व्यंग्यकार राजेंद्र मौर्य द्वारा स्वागत भाषण में कविता चौपाटी से के रूपरेखा उद्देश्य और अब तक की गतिविधि के बारे में विस्तार से बताया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार महेश श्रीवास एवं राजेंद्र मौर्य के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में द्वारका प्रसाद अग्रवाल केवल कृष्ण पाठक डॉक्टर सुधाकर बीबे, डॉक्टर बुधिया अनु चक्रवर्ती महेंद्र साहू सुप्रिया भारतीयन गीता नायक बुधराम यादव सनत तिवारी शिवानंद पांडे मेदनी, पुष्पहास,साक्षी पाण्डेय ज्योति दुबे पूजा मिश्रा पांडे, द्वारिका प्रसाद मिश्रा ललिता मिश्रा भास्कर मिश्रा पूर्णिमा तिवारी सुनीता वर्मा सहित शहर के साहित्यकार पत्रकार समाजसेवी छात्र और शहरवासी मौजूद रहे।