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बिलासपुर

महावीर कोल वासरी की जनसुनवाई में उठे सवाल, मचा बवाल, दो घंटे में खत्म

बिलासपुर. कोटा ब्लॉक के आदिवासी बाहुल्य ग्राम खरगहनी में महावीर कोल वासरी के विस्तार के लिए बुधवार को आयोजित जनसुनवाई में ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। विरोध में सामाजिक कार्यकर्ता समेत जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी भी शामिल हुए और विरोध किया। हंगामेदार जनसुनवाई में ग्रामीणों ने अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई।

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होहंगाम और धक्कामुक्की के बीच जनसुनवाई हुई और एडीएम ने रिपोर्ट बनाकर रायपुर स्थित पर्यावरण विभाग को भेज दी। तय कार्यक्रम के तहत बुधवार सुबह साढ़े 11 बजे ग्राम पंचायत खरगहनी में जनसुनवाई शुरू हुई।

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इस बीच ग्रामीण के पर पहुंचे और एक स्वर में जनसुनवाई का विरोध करते हुए कोल वासरी नहीं खुलने देने की बात कही। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जनप्रतिनिधियों ने कोलवाशरी खुलने पर आपत्ती जताई। ग्रामीणों ने कहा कि कोलवाशरी से ग्राम सहित पर्यावरण पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा। अधिकारियों ने बताया कि लिखित में सिर्फ 5 आवेदन दिए गए जिसमें से 3 वाशरी खुलने के समर्थन और 2 विरोध में थे, इस कारण जान सुनवाई स्थगित नही मानी जाण्गी ।

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जन सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन सहित पुलिस बल गहमागहमी के माहौल को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया था। दोपहर करीब डेढ़ बजे तक ग्रामीणों ने लगातार विराेध किया। कोलवाशरी नहीं खुलने की बात कहते हुए अपना विरोध किया गया लोक जनसुनवाई के दौरान अतिरिक्त कलेक्टर बिलासपुर आर ए कुरुवंसी कोटा एसडीएम हरिओम द्विवेदी बिलासपुर एडिशनल एसपी राहुल देव शर्मा कोटा थाना प्रभारी उत्तम कुमार साहू और बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी उपस्थित थे।

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पेसा एक्ट नहीं पैसा कानून का पालन हुआ

जनसुनवाई का विरोध करने पहुंचे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि पेसा एक्ट का पालन नहीं बल्कि पैसा एक्ट का पालन किया गया है। रिपोर्ट में अचानकमार को 16 किलो मीटर दूर बताया गया है , जबकि एटीआर की सीमा साढ़े 4 किलो मीटर के बाद ही शुरू होती है। कोल वासरी खुलने की अनुमति वर्ष 2020 में दी गई थी और उसी समय रिपोर्ट बनाई गई थी। प्रदेश सरकार इससे पहले भी बस्तर और अन्य क्षेत्रों में खनिज संपदा बेचने का काम कर चुकी है। नियम के विपरीत जनसुनवाई हो रही है, जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं।

ग्रामीणों ने लगाया बलपूर्वक भगाने का आरोप जनसुनवाई में विरोध करने पहुंचे ग्राम पंचायत खरगहनी के ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर बल पूर्वक भगाने का आरोप लगाया है। ग्रामीण महिला और पुरूषों ने जनसुनवाई स्थल से पकड़कर गांव के बाहर लेजाकर छोड़ने का अरोप लगाया। बाक्स विरोध भरी रही जनसुनवाई, भेजी रिपोर्ट जनसुनवाई में ग्रामीण सिर्फ विरोध ही करते रहे। विरोध और आपत्तियां दर्ज करने के बाद इसे रायपुर स्थित पर्यावरण विभाग को भेजा गया है। वहां से रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी।

आरए कुरूवंशी एडीएम

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