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बिलासपुर

जहां हरा भरा क्षेत्र, वहां वायु गुणवत्ता जांच केंद्र

प्रदूषण वाले इलाकों की अनदेखी -प्रदूषण को लेकर महज औपचारिकता निभा रहा पर्यावरण विभाग

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बिलासपुर. प्रदूषण जांचने पर्यावरण विभाग वायु गुणवत्ता जांच केंद्र स्थापित करता है। ताकि प्रदूषण को रोकने सार्थक प्रयास किए जा सकें। शहर में स्थिति ये है कि शहर में ऐसी महज एक ही मशीन लगाई गई है, वो भी ऐसी जगह जहां हरेभरे पेड़ हैं, भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है। हैरानी की बात तो सह है कि इस इकलौतेब केंद्र में भी ताला लटकता रहता है। इंडस्ट्रियल एरिया की अनदेखी की गई है। ऐसे में शहर में प्रदूषण का सटीक अनुमान ही नहीं निकल पा रहा है।
शहर में वायु प्रदूषण का स्तर जांचने के लिए पर्यावरण संरक्षण विभाग ने आज तक पहल नहीं की है। प्रदेश का दूसरा बड़ा शहर होने के साथ-साथ नगर निगम सीमा क्षेत्र में कई उद्योग स्थापित हैं, जहां से हर दिन कार्बन वातावरण में घुल रहा है। शहर के तिफरा, धुमा, सिलपहरी, सिरगिट्टी समेत कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां बड़े-बड़े कारखाने हैं। इसके साथ ही सरकंडा सीपत रोड, लिंक रोड, रायपुर रोड से प्रतिदिन शहर में भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। वाहनों से निकलने वाला धुंआ और जर्जर सडक़ों से उडऩे वाला गुबार लगातार वायु को प्रदूषित कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण विभाग ने शहर की वायु गुणवत्ता की जांच करने के लिए एकमात्र वायु गुणवत्ता जांच केन्द्र की स्थापना संजय तरण पुष्कर परिसर में एनटीपीसी के सहयोग से स्थापित की है। यह क्षेत्र हरा-भरा होने के साथ-साथ इसके चारों ओर 3 किलोमीटर के दायरे में एक भी उद्योग नहीं हैं। स्मार्ट रोड के बाजू में होने के कारण यहां से भारी वाहनों का आना-जाना भी नहीं होता। मजे की बात यह है कि इस क्षेत्र में जर्जर सडक़ की बजाए चकाचक सडक़ है, जिससे क्षेत्र में धूल उडऩे की आशंका ही नहीं है। ऐसे में शहर की आबोहवा को पर्यावरण विभाग दुरुस्त बता रहा है। जबकि हकीकत में यहां भी काफी प्रदूषण है।
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0 सिरगिट्टी, तिफरा, तोरवा और सरकंडा में में होने चाहिए जांच केंद्र
दूसरे प्रदेशों के शहरों में चारों दिशाओं में वायु गुणवत्ता जांच केंद्र खोले गए हैं। यहां से मिलने वाली प्रतिदिन की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट की समीक्षा की जाती है। जिन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण बढ़ता है, वहां पर्यावरण संरक्षण विभाग व्यवथा दुरुस्त करने का काम शुरू करता है, लेकिन बिलासपुर में ऐसा नहीं है। नियम के तहत शहर के सिरगिट्टी, तिफरा, तोरवा और सरकंडा में जांच केंद्र होने चाहिए, ताकि पूरे शहर के वायु गुणवत्ता की वास्तविक जांच हर दिन मिल सके।
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0 एक्यूआई रिपोर्ट भी सार्वजिनक नहीं की जा रही
नियम के तहत जहां प्रदूषण जांच केंद्र स्थापित किया जाता है, वहां बड़ी स्क्रीन पर लगातार हर 1 घंटे में शहर की एक्यूआई रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है। संजय तरण पुष्कर में लगे जांच केंद्र में इसकी भी व्यवस्था नहीं है। अधिकारी शहर की एक्यूआई रिपोर्ट भी लोगों को बताना नहीं चाहते।
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0 एक जगह की रिपोर्ट को बता रहे पूरे शहर की रिपोर्ट
पर्यावरण अधिकारी शहर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण को कम करने के बजाए खुलेआम बढ़ावा दे रहे हैं। शहर में एकमात्र जांच केद्र होने और यहां से हर तीन दिन में मिलने वाली रिपोर्ट को पूरे शहर की एक्यूआई रिपोर्ट बताकर जानकारी रायपुर भेज रहे हैं। यही जानकारी केँद्रीय प्रदूषण बोर्ड को भेजी जा रही है। शहर के जिन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित हैं। वहां लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसे रोकने के बजाए अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं।
वर्जन….
शहर में कम से कम दो वायु गुणवत्ता जांच केंद्र होने चाहिए। बिलासपुर में कितने केन्द्र है, इसकी जानकारी नहीं है। मैं अभी बाहर हूं। इसकी जानकारी लेकर ही बता पाउंगा।
सुब्रत साहू
चेयरमैन, छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण बोर्ड