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खजुराहो में पश्चिम मंदिर समूह परिसर उद्यान के 22 कर्मचारी हड़ताल पर गए

- ठेकेदार के पेटी कांट्रेक्टर पर लगाए जबरन शोषण के आरोप- ठेके पर चल रही पश्चिम मंदिर समूह परिसर की व्यवस्थाएं फिर विवादों में

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खजुराहो। पर्यटन नगरी खजुराहो में एक बार फिर विश्व प्रसिद्ध मंदिरों के क्षेत्र में ठेके पर काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी परेशान है। इस बार मंदिर परिसर के उद्यान में कार्यरत 22 माली काम बंद हड़ताल कर रहे हैं। इसके पहले सुरक्षाकर्मियों ने हड़ताल की थी। खजुराहो के पश्चिमी मंदिर समूह के गार्डन में कार्यरत महिला श्रमिकों सहित लगभग 22 मजदूरों (माली) ने शुक्रवार को मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए ठेकेदार और प्रबंधन के खिलाफ मुर्दाबाद जैसी नारेबाजी की। गेट पर ही सभी कर्मचारी अनशन पर बैठ गए। उनके समर्थन में दैनिक श्रमिक संघ संगठन के कर्मचारी भी आ गए। प्रदर्शन के दौरान ठेकेदार और कर्मचारियेा के बीच बहस भी होती रही। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी भी यहां पर पहुंचे और स्थिति की जानकारी ली।
मजदूर बोले ठेकेदार पैर पडऩे के लिए करते हैं मजबूर :
हड़ताल कर रहे मजदूर नंदराम रैकवार ने आरोप लगाया कि उन्हें उद्यान के ठेकेदार कुलदीप सिंह के आदमी अपने पैर पडऩे के लिए और नमस्कार करने के लिए मजबूर करते हैं। मजदूरी के समय घर का काम करने के लिए कहा जाता है। यदि कोई ऐसा नहीं करता है तो उसे काम से मुक्त करने की धमकी दी जाती है। यही नहीं उन्हें मिलने वाली मजदूरी में से कमीशन भी 5०० से लेकर 6०० रुपए तक देने का दबाव बनाया जा रहा है। इस कारण वे सभी भारतीय पुरातत्व विभाग खजुराहो में कार्यरत दैनिक श्रमिक संघ संगठन के समर्थन से हड़ताल पर हैं और जब तक उन्हें ठेकेदार द्वारा ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता तब तक वे हड़ताल पर ही बने रहेंगे। इस हड़ताल के कारण शुक्रवार को उद्यान का कार्य प्रभावित रहा। इसके अलावा अन्य मजदूरों ने भी ठेकेदार पर उनकी मजदूरी हड़पने और शोषण केा आरोप लगाए हैं। मजदूरों ने ठेकेदार के अधीनस्थ ज्ञान सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे ओवरटाइम घर पर काम करने के लिए मजबूर करते है। नहीं करने पर काम पर निकाल देने की धमकी दी जाती हैं, जबकि इनके साथ इनका उचित मेहनताना भी नहीं दिया जाता एवं निर्धारित मापदंडों और नियम के अनुसार अधिक काम करवाने के आरोप लगाए गए हैं।
दैनिक श्रमिक संघ संगठन के प्रदेश महामंत्री मनीष कुमार सिंह का कहना है कि स्थानीय ठेकेदार एक-एक करके मजदूरों को काम से निकालने की साजिश कर रहे हैं। जबकि विभाग के अधिकारी इन मजदूरों के काम और व्यवहार से संतुष्ट हैं। जो लोकल ठेकेदार है शाम को काम खत्म कर उनके यहां जाकर काम करो, वेतन से कमीशन दो। इन मजदूरों ने विरोध किया तो उनको काम से निकाला जा रहा है। जबकि इनमें ऐसे मजदूर हैं जो १० से १५ साल से काम कर रहे हैं। मजदूर केशरबाई ने बताया कि ठेकेदार नई लेबर लगाने की बात कर रहे हैं, इसलिए अपनी बात पहुंचाने के लिए अनशन पर बैठे हैं।
इनका कहना है :
मजदूर किस कारण से हड़ताल पर चले गए हैं, इसकी जानकारी लेकर ठेकेदार से बात करेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएंगे।
-मिथुन चालाक-सहा.उद्द्यान अधिकारी, भारतीय पुरातत्व विभाग खजुराहो
मैंने किसी भी श्रमिक को काम से नहीं निकाला और न ही किसी प्रकार का कोई दबाव बनाया है। रुपए सभी मजदूरों के खाते में ऑनलाइन आते हैं। अभी 17 दिन पहले ही काम शुरू हुआ है तो रुपए की बात कहां से आ गई। रही बात नमस्कार करने की तो जिनको करना है करें, नहीं करना हो न करें। सभी मजदूरों से काम के लिए बोला गया है यदि ये वर्तमान श्रमिक कार्य पर नहीं लौटे और गार्डन का कार्य प्रभावित हुआ तो नए मजदूरों को कार्य पर लगाया जाएगा।
– ज्ञान सिंह, ठेकेदार अधीनस्थ खजुराहो