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छतरपुर

प्रधानमंत्री आवास के बने चार डीपीआर, हर बार राशि लेकर हितग्राहियों ने की धांधली

राशि लेकर पीएम आवास न बनाने वाले 311 चिंहित, 13 ने दो बार लिए रुपए, होगी कुर्की

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छतरपुर. शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 डीपीआर बनाकर 6075 लोगों को योजना का लाभ दिया गया। लेकिन योजना का लाभ देने के दौरान नगरपालिका के अधिकारियों की लापरवाही से कुछ लोगों ने राशि लेकर भी आवास नहीं बनाए। अब ऐसे हितग्राहियों को चिंहित किया गया है। शहर में 298 लोग चिंहित हुए है। जिसमें से 13 के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई का प्रस्ताव भी बनाया गया है।

शहर में 6075 लोगों को योजना का लाभ मिला
शहर के 6075 लोगों को आवास योजना का लाभ मिला है, जिसमें 311 हितग्राहियों ने राशि का दुरुपयोग किया गया। जिसमें प्रथम
डीपीआर- 1556, द्वितीय डीपीआर-2100, तृतीय डीपीआर 1522, चतुर्थ डीपीआर- 878 लोगों के नाम स्वीकृत की गई। इसमें जांच में निकल कर आया है कि पहली डीपीआर में 13, दूसरी डीपीआर में 120, तीसरी डीपीआर में 140 चौथी डीपीआर में 38 हितग्राही है, जिन्होंने किस्त लेने के बाद मकान निर्माण में लापरवाही की गई है।

5 से 6 साल पहले राशि लेकर नहीं की सही इस्तेमाल
अधिकांश लोगों को 5 या 6 वर्ष पहले यह राशि जारी हुई थी। योजना अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के बीएलसी घटक
अंतर्गत चिह्नित किए गए पात्र लोगों को कुल 2.50 लाख रुपए मिलते हैं। इसके लिए सर्वप्रथम योजना में चिह्नित व्यक्ति की खाली भूमि की जियो टैगिंग की जाती है, तब उसे एक लाख रुपए की पहली किस्त जारी होती है। इसके बाद काम आरंभ करना होता है। अगले चरणों में आवास की प्रगति के आधार पर जियो टेग कर आगामी किस्त जारी होती है। जांच में यह पता चला कि 311 लोगों ने पहली किस्त ले तो ली, लेकिन निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं रखवाई।

पहली डीपीआर के है 13 लोग
प्रथम डीपीआर में 1556 में से 13 ऐसे लोग हैं जिनके खिलाफ नगर पालिका ने संबंधित इंजीनियर की रिपोर्ट के आधार पर उनसे कुर्की करने का विचार बना लिया है। लेकिन जब इन 13 नामों की जांच की और हितग्राहियों से बात की तो उसमें दो नाम ऐसे निकलकर आए। जिनकी नगर पालिका अधिकारियों के द्वारा जान-बूझ कर जियो टेगिंग नहीं की गई। जबकि हितग्राहियों द्वारा प्राप्त
किस्त के हिसाब से निर्माण कार्य भी कराया जा चुका है और वह इस योजना की पात्रता भी रखते हैं।

उपयंत्री पर भी आरोप
हितग्राहियों ने डीपीआर प्रभारी उपयंत्री नजर अहमद अंसारी पर जानबूझकर मकानों के निर्माण की जांच न कराने के आरोप लगाए हैं। इन हितग्राहियों की जांच न कराते हुए उन्हें नॉट स्टार्ट की श्रेणी में डाल रखा है और कुर्की वाली लिस्ट में इन नामों को शामिल
कर दिया है। हितग्राही कैलाश रैकवार ने बताया कि उन्हें वर्ष 2017 में 40 हजार रुपए की पहली किस्त प्राप्त हुई। जिस राशि का उपयोग उनके द्वारा निर्माण कार्य में किया गया। इसके बाद लगातार उनके पास नोटिस आ रहे हैं कि पैसे जमा कराए जाएं। लेकिन वह मकान की जियो टेगिंग कराने के लिए लगातार 6 वर्षों से नगर पालिका के चक्कर लगा रहे हैं। हितग्राही ने बताया कि डीपीआर प्रभारी उपयंत्री नजर अहमद अंसारी द्वारा किस्त देने के एवज में रुपयों की मांग की जा रही थी। अब उन्होंने मेरा नाम कुर्की वाली
लिस्ट में शामिल कर लिया है। पात्रों की जांच कर योजना का लाभ दिया जाएगा

इनका कहना है
डीपीआर प्रभारी को पात्र हितग्राहियों की जांच करते हुए उन्हें योजना का लाभ देने के निर्देश दिए गए और साथ ही अपात्र लोगों की सूची तैयार करने के भी निर्देश जारी किए गए। जिसमें जांच डीपीआर प्रभारी के द्वारा दी गई लिस्ट के अनुसार हितग्राहियों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी और हितग्राहियों से वसूली की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
माधुरी शर्मा, सीएमओ, छतरपुर