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छतरपुर

आरटीओ सहित जिले के दोनों आरटीओ बेरियर में होने लगी बसों की जांच

कई बसों पर की जा रही कार्रवाईया, तो कुछ को दी जा रही सख्त हिदायतें

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छतरपुर. जिले में बसों की हालात खस्ताहाल होने से आए दिन दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। कहीं पर बसों की पलटने तो कहीं पर बीच मझधार में बसें खड़ी हो रहीं हैं और यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इसको लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरें प्रकाशित की जा रहीं हैं। इसी को लेकर बीते दिनों आरटीओ ने बस मालिकों के साथ बैठकर कर अपनी अपनी बसों को दुरुस्त करने के लिए निर्देशित किया था। वहीं इसके बाद विभाग की ओर से सक्रीय होकर कार्रवाईयां की जा रही हैं। जिससे काफी बसों में सुधार कराया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार जिले से संचालित हो रहीं ४०० से अधिक बसों में से बड़ी संख्या में बसें खस्ताहाल हो चुकीं हैं और कई जुगाड़ से संचालित की जा रहीं है। ऐसे में जिले और जिले के बाहर आए दिन घटनाओं की सूचनाएं मिल रही है। इनमें यात्री हताहत हो रहे हैं। पर बस संचालकों की ओर से लगातार लापरवाही बरती जा रही हैं। वहीं छतरपुर से दमोह जा रही बस में दमोह इलाके में पहुंचने के दौरान पटिया टूटने से एक बालक गिर गया और बस का पहिया बालक के ऊपर से निकाल गया था। इसी तरह की जर्जर बसें ५० से अधिक अभी भी छतरपुर में संचालित हो रही हैं। जिसको लेकर पत्रिका द्वारा बस की खामियों को प्रकाशित किया गया। जिसके बाद से आरटीओ विभाग कार्रवाई के लिए सक्रीय हुए और फिटनेश निरस्त करने सहित अन्य कई कार्रवाईयां की गई। इस दौरान विभाग द्वारा मुख्यालय के साथ-साथ कभी जांच पड़ताल न करने वाले कैमाहा बैरियर प्रभारी और बड़ागांव बैरियर प्रभारी ने टीम के साथ बैरियरों में बसों की जांच पड़ताल की और कार्रवाई की गई। मंगलवार को कैमाहा बैरियर में एक बस पर विभिन्न खामियां होने से फिटनेश निरस्त की गई है। वहीं कई बसें चैक की गई।वहीं बीते एक सप्ताह में आरटीओ विभाग द्वारा कुल ५ बसों की फिटनेश निरस्त की गई हैं। इसके साथ १ बस में डेढ लाख से अधिक टैक्स बकाया होने सहित अन्य कमियां होने से जब्त की गई। वहीं ओवरलोडिंग सहित विभिन्न कमियां होने पर विभिन्न बसों में ४० हजार रुपए से अधिक की चालानी कार्रवाईयां की। इसके अलावा करीब १२० बसों का भौतिक सत्यापन किया गया। इसके साथ ही यह कार्रवाईयां जारी रहेंगी।

सीटों से अधिक सवारियां भरने बाज नहीं आ रहे परिचालक

आरटीओ द्वारा कई कार्रवाईयां की गई और मालिकों के साथ बैठक कर बसों को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं। पर इसके बाद भी लगातार सीटों से २ गुनी सवारियां बैठाई जा रही हैं। हालात ये हैं कि जिस दिन जिस रूट में चैकिंग होने की जानकारी मिलती है तो उस रूट की बसों में सीटों में ही सवारियां बैठाते हैं और चैकिंग के आगे से बसों में अधिक सवारियां बैठाते हैं। इसी तरह जिस रूट में चैकिंग नहीं हो रही है उस रूट में बस स्टैंड से ही सवारियों को खड़ा कर सफर कराया जा रहा है।