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education:एक ही छत के नीचे होगा नौ जिलों के कार्मिकों की समस्याओं का समाधान

सीकर व झुंझुनूं सहित नौ जिलों के लिए विशेष परिवेदना शिविर 31 से दो जून तक

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चूरू

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Piyush Sharma

May 26, 2019

चूरू. जिला मुख्यालय पर आगामी 31 मई से दो जून तक राजकीय बागला उमावि में माध्यमिक शिक्षा से संबंधित समस्त कार्मिकों के लंबित व बकाया प्रकरणों के निस्तारण के लिए तीन दिवसीय परिवेदना शिविर लगेगा।
शिविर समन्वयक एडीईओ संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा चूरू ओमप्रकाश फगेडिय़ा ने बताया कि कार्यालय निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के आदेशानुसार आयोजित शिविर के प्रभारी संयुक्त निदेशक सुरेंद्रसिंह गौड़ व परिवेदना मोनेटरिंग अधिकारी एडीईओ महेंद्र बड़सरा होंगे। शिविर में बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, सीकर, बाड़मेर, जोधपुर व जैसलमेर सहित कुल नौ जिलों के कर्मचारियों की परिवेदनाओं का निस्तारण किया जाएगा। शिविर में सभी नौ जिलों के डीईओ, चूरू, बीकानेर व जोधपुर के संयुक्त निदेशक व निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर सहित 13 कार्यालयों के कार्मिक व अधिकारी मौजूद रहकर कार्मिकों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण कर राहत देंगे।


इन समस्याओं का होगा समाधान


-पेंशन, सेवानिवृति आदेश, अदेय प्रमाण पत्र आदि।
-एसीपी/वरिष्ठता/चयनित वेतनमान
-वेतन स्थिरीकरण/ निर्धारण
-अवकाश स्वीकृति प्रकरण
-परीविक्षा काल पूर्ण होने पर नियमित वेतन निर्धारण/स्थाईकरण
-वरिष्ठता सूची में नामांकन/योग्यता अभिवृद्धि/ संशोधन परिवद्र्धन/ विलोपन प्रकरण
-लंबित विभागीय जांच प्रकरण की मोनेटरिंग एवं निस्तारण की कार्रवाई
-पदोन्नति विषयक परिवेदना
-वेतन भुगतान संबंधी प्रकरण
-अन्य कोई सेवा व लेखा संबंधी प्रकरण


ऐसे लेंगे कर्मचारी की परिवेदना


कार्मिक स्वयं 25 से 31 मई तक अपने संस्थाप्रधान को अपनी परिवेदना अपने संस्थाप्रधान को देगा। संस्थाप्रधान उक्त परिवेदना पीईईओ को भिजवाएंगे। वे सीबीईओ को भिजवाएंगे। जो स्वयं के स्तर की परिवेदनाओं का निस्तारण कर डीइओ मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा को भेजेंगे। जो परिवेदना रजिस्टर का संधारण करेंगे। स्वयं के स्तर की परिवेदनाओं को निस्तारण के स्तर तक लाकर शिविर में आदेश जारी करवाएंगे। संयुक्त निदेशक या निदेशालय स्तर की परिवेदनाओं को प्रतिदिन सक्षम स्तर पर अभिशंसा सहित प्रेषित करेंगे।

तनाव मुक्त होकर कर सकेंगे काम

सेवा या लेखा संंबंधी कोई प्रकरण लंबित या बकाया नहीं रहने से कार्मिक नए सत्र में तनाव मुक्त होकर पूरी ऊर्जा के साथ काम कर सकेंगे। शिक्षक अपनी शिक्षण पद्धति को प्रभावी बना सकेंगे।