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डूंगरपुर

video: गेपसागर झील के अधिकतम जलभराव क्षेत्र की अधिसूचना वापस लेने का प्रस्ताव, नहीं बनी सहमति

- बरसों पहले प्लाट खरीदने वालों को राहत का समर्थन, लेकिन उनकी आड़ में अन्य निर्माणों पर नकेल की भी चिन्ता- पार्षदों की कमेटी बनाकर अगली बैठक से पहले सभी तथ्यों की पड़ताल का निर्णय- नगरपरिषद की बोर्ड बैठक

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[typography_font:18pt]- निर्दलीय शार्दुलसिंह राठौड़ ने पूर्व में स्थायी किए गए नगरपरिषद कार्मिकों का नियमितीकरण कराने की मांग रखी। साथ ही बकाया कार्मिकों को भूखण्ड आवंटित करने तथा पार्षदों के लिए भी भूखण्ड आवंटन का प्रस्ताव रखा। आयुक्त ने नियमितीकरण के संबंध में बताया कि २०११ में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में २००६ तक १० साल पूरे कर चुके कार्मिकों के नियमितीकरण का आदेश है। हालांकि इस आदेश के भी ११ वर्ष हो चुके हैं। उच्चाधिकारियों से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। पार्षदों की टीम बनाकर इसकी पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट सरकार को भेजी जा सकती है।
[typography_font:18pt]- नगरपरिषद के कुछ कार्मिकों द्वारा पार्षदों के फोन नहीं उठाने की शिकायत पर सभापति ने कार्मिकों को पार्षदों की समस्याएं सुनकर त्वरित निस्तारण के लिए पाबंद किया।
[typography_font:18pt;” >-पार्षदों ने बिजली, पानी, सडक़-नालियों आदि की समस्याएं भी रखी। जलदाय व विद्युत निगम प्रतिनिधियों ने त्वरित समाधान का आश्वासन दिया।