डूंगरपुर.
शहर में हॉस्पिटल मार्ग पर स्थित विद्युत निगम पॉवर स्टेशन पर 6 दिन पूर्व कार्य करने के दौरान करंट लगने से झुलसे एफआरटी ( फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम ) कार्मिक रमेश अहारी की उदयपुर में उपचार के दौरान मौत हो गई। जिस पर मंगलवार को परिजनों व ग्रामीण शव लेकर डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर पहुंचे। यहां विद्युत निगम व ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के समीप िस्थत निगम के अधीक्षण अभियंता कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान 51 लाख रुपए के मुआवजे सहित अन्य मांगें रखी। बड़ी संख्या में ग्रामीणों व परिजनों ने सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर साढ़े बारह बजे तक मुआवजे पर सहमति नहीं बनने पर शव एंबुलेंस से निकालकर ऑफिस के मुख्य गेट के सामने ही रख दिया। बाद में पुलिस की समझाइश पर शव हटवाकर जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया। इसके बाद भी ग्रामीण मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर दोपहर बाद तक डटे रहे। उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त को हॉस्पिटल मार्ग पर स्थित विद्युत निगम 33 केवी सब ग्रिड पॉवर स्टेशन पर कार्य के दौरान रिवर्स करंट से ददोडिय़ा निवासी रमेश पुत्र मरता अहारी, चुण्ड़ावाड़ा निवासी अनूप सिंह पुत्र कान सिंह व सुंदरपुर निवासी लक्ष्मण पुत्र देवजी पाटीदार झुलस गए थे। रमेश की हालात गंभीर होने पर उसको उदयपुर रैफर किया था, जहां उसकी मौत हो गई।
50 हजार के मुआवजे पर बोले, पशु थोड़ी मरा है
एसई आॅफिस में अधीक्षक अभियंता एचआर कालेर, एसडीएम निरज मिश्र, पुलिस उपाधीक्षक राजकुमार राजोरा, कोतवाली थानाधिकारी भगवानलाल, भाजपा के बंशीलाल कटारा, बीएपी जिलाध्यक्ष अनुतोष रोत, कांति भाई , तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन जिलाध्यक्ष खेमराज यादव आदि की मौजूदगी में ग्रामीणों से बातचीत का दौर चला। ग्रामीण व परिजन 50 लाख मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर अड़े रहे। काफी देर तक ठेका कंपनी प्रतिनिधि से बातचीत के बाद जब 50 हजार रुपए मुआवजे की बात रखी तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों का कहना था कि पशु की मौत थोड़ी हुई है। मृतक रमेश पर पूरे घर की जिम्मेदारी थी, उसके बच्चे भी छोटे है। ऐसे में 50 लाख रुपए, परिवार के सदस्य को नौकरी, पेंशन सहित अन्य लाभ दिया जाए। मांगें जब तक पूरी नहीं होती है, तब तक यहां से नहीं हटेंगे। इस दौरान पुलिस प्रशासन व निगम अधिकारियों ने विभिन्न स्तरों पर बातचीत कर ठेका कंपनी की ओर से दो लाख रुपए मुआवजे सहित अन्य सहायता की बात रखी तो ग्रामीणों ने साफ तौर पर कह दिया कि 35 लाख से कम राशि पर सहमति नहीं होगी। दोपहर तीन बजे बाद तक समझाइश का दौर चला। जिसके बाद ठेका कंपनी से मुआवजे की राशि सहित अन्य सहायता पर सहमति बनने पर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सुपुर्द किया।