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डूंगरपुर

Video: पुलिस में ‘बंधी’ के ‘महाखेल’ का भण्डाफोड़

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई में दो थानाधिकारी और दो कांस्टेबल ट्रैप, 8 लाख 30 हजार रुपए बरामद5 लाख रुपए की बंधी को बढ़ाकर 10 लाख करने दबाव बनाने का आरोपपिछले ढाई माह से सुर्खियों में था प्रकरणशराब ठेकेदारों से चल रही थी बंधी

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डूंगरपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कार्रवाई से डूंगरपुर जिले में पुलिस की शराब ठेकेदारों से मासिक बंधी के महाखेल का खुलासा हुआ है। एसपी की आड़ लेकर दो थानाधिकारियों के शराब तस्करों से लाखों की सौदेबाजी करना सामने आया है। एसीबी ने कोतवाली और धंबोला थानाधिकारी सहित चार जनों को गिरफ्तार कर रिश्वत के 8 लाख 30 हजार रुपए भी बरामद कर लिए हैं। इसमें से ३.३० लाख रुपए गुरुवार को लिए, जबकि ५ लाख रुपए तीन दिन पहले लिया जाना बताया जा रहा है। इस प्रकरण में फरियादी ने एसपी के नाम से पैसे मांगने का आरोप लगाया है। हालांकि एसीबी ने प्रारंभिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की है, बावजूद मामले से जुड़े हर पहलू की गहनता से पड़ताल की जा रही है।

[typography_font:14pt;” >टीम गुरुवार को रतनपुर मार्ग पर स्थित फरियादी की होटल पर पहुंची। वहां कुछ देर बाद कांस्टेबल भोपालसिंह २.५० लाख रुपए लेने पहुंचा। राशि का लेन-देन होने के बाद टीम ने उसे वहीं दबोच लिया। कुछ देर बाद कांस्टेबल जगदीश विश्नोई भी मासिक बंधी के तौर पर ८० हजार रुपए लेने पहुंचा। टीम ने उसे भी रुपए के साथ दबोच लिया। इसके बाद टीम दोनों को लेकर कोतवाली थाने पहुंची। वहीं एक टीम धंबोला पहुंच कर थानाधिकारी भैयालाल आजना को भी कोतवाली लेकर आई। फरियादी के बताए अनुसार पूछताछ में सामने आया कि भोपालसिंह ने तीन दिन पहले भी कोतवाली थानाधिकारी के लिए पांच लाख रुपए प्राप्त किए थे। इस पर टीम ने तलाशी ली तो थाने में ही भोपालसिंह की अलमारी से पांच लाख रुपए भी बरामद हो गए।

[typography_font:14pt;” >डूंगरपुर. धम्बोला पुलिस ने ०६ अप्रेल २०२२ को नाकाबंदी के दौरान एक जीप से पांच कर्टन बीयर व एक कर्टन अवैध शराब जब्त कर राजवीर पुत्र भरत सिंह को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान झौंथरी निवासी चंदूलाल उर्फ फौजी कलाल को संलिप्त मानते हुए उसका भी नाम एफइआर में जोड़ कर उसकी तलाश शुरू की। चंदूलाल के परिवारजनों के नाम से दो शराब ठेके संचालित हैं। वहीं पूर्व में भी उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज हैं। पुुलिस ने आरोपी को १९ अप्रेल को हिरासत में लिया था, लेकिन परिवार में शादी होने से पुलिस ने राजनीतिक दबाव के चलते उसे छोड़ दिया। इसके बाद वह फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी के निर्देश पर गुजरात सीमा से सटे पुनावाड़ा, सरथूना सहित झोंथरी और चाडोली की शराब दुकानों पर पुलिस जाब्ता तैनात कर निगरानी की गई। दूसरी ओर परिजनों व शराब ठेकेदारों ने पुलिस पर 10 लाख रुपए मांगने तथा नहीं देने पर झूठा प्रकरण बनाने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। जिले भर की शराब दुकानों पर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं पुलिस मुख्यालय भी शिकायत की थी। इस पर मुख्यालय ने पत्रावलियां भी तलब की और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए थे।

[typography_font:14pt;” >डूंगरपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की डूंगरपुर जिले में रिश्वत राशि के हिसाब से यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। इससे पूर्व एसीबी ने २२ फरवरी २०२२ को एक लाख ६० हजार रुपए की रिश्वत लेते पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक, चिकित्सक व पशुधन सहायक को गिरफ्तार किया था। इससे पूर्व २९ मार्च २०२२ को एसीबी बासंवाड़ा व डूंगरपुर टीम ने रामसागड़ा थानाधिकारी बाबूलाल डामोर को ८४ हजार रुपए रिश्वत लेते ट्रैप किया था। वहीं २७ अप्रेल २०२२ को एसीबी बासंवाड़ा व डूंगरपुर टीम ने वरदा सरपंच फुलवंती देवी को बिल पास करवाने की एवज में १८ हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।

[typography_font:14pt;” >&जिले में शराब तस्करी पर अभियान चलाकर ताबड़तोड़ कार्रवाईयां की गई हैं। चंदू फौज और नरेंद्रसिंह दोनों के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। मेरे कार्यकाल के दरम्यान मुझे प्रभावित करने के लिए शराब तस्करों ने कई तरह के प्रयास किए, लेकिन उनके मंसूबे पूरे नहीं हुए। इसलिए बदनाम करने 10 लाख रुपए मांगे जाने जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं। इस पूरे मामले में मेरा कोई इनवॉल्मेंट नहीं है। जिन्होंने गलती की है, उनके खिलाफ कानून कार्रवाई होगी। शिकायत में मेरे नाम से राशि मांगे जाने का आरोप लगाया है, लेकिन प्रथम दृष्ट्या ऐसी कोई बात जांच में सामने नहीं आई है। मैं एसीबी टीम को जांच में पूर्ण सहयोग कर रहा हूं। सुधीर जोशी, जिला पुलिस अधीक्षक, डूंगरपुर