गोरखपुर। यूपी सरकार की नीतियों से परेशान होकर वित्तविहीन विद्यालय प्रबंधक संघ ने शुक्रवार को जलसत्याग्रह किया। हाथों में तिरंगा लेकर योगी-मोदी के विरोध में नारेबाजी कर राप्ती नदी में उतरे प्रबंधकों का कहना था कि गैर मान्यता वाले जिन विद्यालयों पर सरकार तालाबंदी करा रही और जुर्माना लगवा रही वह शासन की नीतियों के मुताबिक ही चल रहे थे। इन प्रबंधकों का आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से हजारों लोग बेरोजगार हो रहे।
गोरखपुर के चालीस से अधिक विद्यालयों के प्रबंधकों ने राप्ती नदी में जलसत्याग्रह के दौरान बताया कि मान्यता लेने के लिए किसी भी विद्यालय को पहले तीन साल चलाना होता है। फिर इसका लेखा-जोखा व आय-व्यय मान्यता लेने के लिए लगाना पड़ता है। अधिकतर विद्यालय शासन की इसी नीति के आधार चल रहे। लेकिन जब शासन के फरमान पर मान्यता लेने के लिए ये विद्यालय चल रहे तो दूसरी ओर उन लोगों पर लाखों रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा। विद्यालयों को बंद कराया जा रहा।
इन प्रबंधकों का आरोप था कि सरकार उनका बेवजह उत्पीड़न करा रही। प्रबंधकों का कहना है कि सरकार अपनी नीतियों में बदलाव लाए नहीं तो उनके जैसे हजारों प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों को आने वाले दिनों में खुदकुशी करना पड़ जाएगा।