जयपुर। केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि राजनीति में तृष्णा शांत होने का नाम नहीं लेती। कोई पार्षद बन गया तो अब उसे विधायक बनना होता है। विधायक बन गया तो मंत्री और मंत्री बन गया तो मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री को यह चिंता सताती है कि उसकी कुर्सी कब तक रहेगी। मुख्यमंत्री बनने की चाह खत्म नहीं होती है। राजनीति ऐसी ही है…। गड़करी गुरुवार को जयपुर में आयोजित एक भाजपा प्रत्याशी की सभा में बोले रहे थे।
पार्टी का जन्म किसी को मुख्यमंत्री-मंत्री बनाने के लिए नहीं हुआ..
नितिन गडकरी ने कहा- हमारी पार्टी मां-बेटे की पार्टी नहीं है। न ही पिता-पुत्र की पार्टी है। यहां प्रधानमंत्री के पेट से प्रधानमंत्री और एमपी के पेट से एमपी पैदा नहीं होता ह। मैं मामूली कार्यकर्ता था। पोस्टर चिपकाता था। फिर भी पार्टी ने मुझे अध्यक्ष बनाया। जिस कुर्सी पर अटल बिहारी वाजपेयी बैठे, उस कुर्सी पर बैठने का मौका मुझे मिला। यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है। इस पार्टी का जन्म किसी को मंत्री और मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं हुआ है। हमारा मकसद केवल राज बदलना नहीं है। देश में भूखमरी, गरीबी और बेरोजगारी को दूर करना हमारा लक्ष्य है।