Chhath Puja: जयपुर। सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ आज से नहाय खाय के साथ शुरू होगा। राजधानी जयपुर में रह रहे बिहार समाज के साथ उत्तरांचल लोग महोत्सव के पहले दिन घरों में चावल, चने की दाल और लॉकी की सब्जी बनाएंगे और खाएंगे। महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को खरना का व्रत शुरू होगा। वहीं कोविड के दो साल बाद गलता तीर्थ में इस बार मेला भरेगा।
चार दिवसीय महापर्व डाला पहले दिन नहाय-खाय के साथ शुरू होगा। व्रत करने वाले भोजन में अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी का उपयोग करेंगे। बिहार समाज संगठन के महासचिव सुरेश पंडित ने बताया कि नहाय-खाय में व्रती महिलाएं जल स्त्रोत में स्नान कर घर आकर खाना बनाएंगी। खाने में कद्दू भात का उपयोग किया जाएगा। सबसे पहले व्रति भोजन करेंगे, इसके बाद परिवार के अन्य लोग भोजन ग्रहण करेंगे।
महोत्सव के तहत दूसरे दिन 29 अक्टूबर को खरना का व्रत आरंभ होगा। लोग दिनभर उपवास करेंगे और शाम को गुड़ की खीर और रोटी बनाएंगे। गुड़ की खीर, रोटी, केले आदि का भगवान सूर्य को भोग लगाएंगे। इसके बाद उसे खाएंगे। इसके बाद 36 घंटे का निर्जल व निराहार व्रत शुरू होगा।
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अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य 30 को
व्रत करने वाले लोग परिवार के लोगों के साथ गलताजी पहुंचेंगे। 30 अक्टूबर को गलता कुंड में खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। गलता पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य गंगा आरती भी करेंगे। व्रति एनबीसी के पीछे पार्क में बनाए जाने वाले कृत्रिम तालाब सहित अन्य जलाशयों में भी खड़े होकर अस्ताचल गामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके अगले दिन 31 अक्टूबर की सुबह उगते हुए सूर्य को दूसरा अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही व्रत का पारायण होगा।