1865 में पहली बार हुआ सिटी सर्वे, इसके आधार पर दिए जाने लगे पट्टे
जयपुर के बाजारों का फुटपाथ पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित था। सवाई राम सिंह के समय प्रजा की सुरक्षा के लिए सभी बड़े बाजारों में प्रत्येक पचास गज की दूरी पर पुलिस के जवान खड़े रहते थे।
सन 1869 में नाले और नालियां बनाने के साथ सफाई पर बहुत ध्यान दिया गया। बाजारों में केरोसिन से जलने वाली रोशनी के खंभे लगाए गए। मशालची दिन में तेल डालते और शाम ढलने के बाद लैंप को जलाते।