चांधन फील्ड फायरिंग रेंज। पश्चिमी सरहद पर भारत पाक सीमा से 115 किलोमीटर दूर जैसलमेर जिले के चांधन स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में पुलवामा हमले के तीसरे दिन शनिवार को भारतीय वायु सेना के 137 एयरक्राफ्ट ने अपनी हवाई ताकत दिखाई। करीब दो घंटे तक मरुस्थल में फायर पावर डेमोन्स्ट्रेशन के जरिए बमों की बरसात से धूल के गुबार उठ खड़े हुए। बम के धमाकों की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दे रही थी।
चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े युद्धाभ्यास वायु शक्ति-2019 में 91 लड़ाकू विमान और 25 लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने देश के अलग-अलग 8 एयरबेस से उड़ान भरकर थार में ऑपरेशन को अंजाम दिया। जोधपुर के अलावा बीकानेर के नाल, जैसलमेर, बाड़मेर के उत्तरलाई, जोधपुर के फलौदी, उत्तर प्रदेश के आगरा व हिंडन और पंजाब के बठिंडा से एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी। एक घंटा 55 मिनट तक आकाश में दुश्मनों को चकमा देने वाली रोशनी बिखेरते लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर ने टारगेट पर बमबारी की।
वायुसेना के विमानों ने मारक क्षमता का प्रदर्शन करने के साथ हेलिकॉप्टर्स की ओर से युद्ध के समय व आपात स्थिति में राहत पहुंचाने के अलावा कम ऊंचाई से हमले करने की क्षमता को हजारों आंखों ने निहारा। आखिर में विमानों की ओर से छोड़े गए रोशनी बमों से रेंज के आसपास के गांव रोशनी से नहा उठे। आकाशवीरों ने आकाश से वार कर काल्पनिक शत्रुओं के ठिकानों का जैसे ही सफाया किया तो थार की धरा थर्रा उठी। तेज धमाकों के साथ रेगिस्तान में बम वर्षा और लड़ाकू विमानों के अचूक निशानों से ध्वस्त होते टारगेट को देखने वाली आंखें पलके झपकाना ही भूल गई। वायुसेना ने एयर मिसाइल सिस्टम व नए वायुयान पिलाटू पीसी एम के- 2 को भी शामिल किया। इसके अलावा एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर सरफेस फोर्सेज ऑपरेशन सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन का भी सजीव प्रदर्शन किया।
आकाश मिसाइल को देखती रह गई आंखें
वायुशक्ति शाम 5.35 बजे शुरू हुआ। चार प्रकार के आक्रमण पहली बार देखने को मिले। सबसे बेहतरीन प्रदर्शन आकाश मिसाइल का रहा। ट्रक लांचर से दागी गई आकाश मिसाइल ने तेज धमाके के साथ आसमान में उड़ रहे रोशनी रूपी काल्पनिक दुश्मन के एक एयरक्राफ्ट को चंद सेकंड में नेस्तनाबूद कर दिया।
सुखोई-30 ने दागी अस्त्र मिसाइल, 5 किमी तक उड़ी धूल
फोर्थ जनरेशन के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई ने करीब 600 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हुए युद्धाभ्यास स्थल पर अस्त्र मिसाइल दागी। यह मिसाइल करीब 20 किलोमीटर दूर जाकर गिरी। सुखोई ने लो लेवल फ्लाइंग भी दिखाई। उधर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट एएन 32 और सी-130 हरक्यूलिस ने युद्धाभ्यास के अंत में आसमान में जबरदस्त रोशनी पैदा कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
ग्रुप कैप्टन सचिन तेंदुलकर भी आए
युद्धाभ्यास देखने के लिए भारतीय वायु सेना की ओर से मानद उपाधि प्राप्त ग्रुप कैप्टन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे। एयरक्राफ्ट के शौर्य और प्रदर्शन को देखकर सचिन ने भी बार-बार तालियां बजाई। इस गौरवशाली क्षणों के साक्षी सशस्त्र बल न्याधिकरण के अध्यक्ष वीरेन्द्रसिंह, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा, दक्षिण पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एचएस अरोड़ा भी बने।