
कांग्रेस का 'अरावली बचाओ जनआंदोलन' (फोटो- पत्रिका)
जयपुर: कांग्रेस ने अरावली हिल्स की परिभाषा बदलने और मनरेगा कानून में बदलाव कर ग्रामीण गरीबों के अधिकार छीनने का आरोप लगाते हुए प्रदेशव्यापी जन-जागरण अभियान चलाने का एलान किया है। अभियान के तहत जिला, ब्लॉक, मंडल और बूथ स्तर पर विरोध-प्रदर्शन और जनसंपर्क कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पार्टी के मीडिया चेयरपर्सन स्वर्णिम चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने 27 से प्रदेशभर में जन-जागरण अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। 27 को सभी जिला मुख्यालयों पर ‘अरावली बचाओ जन आंदोलन’ के तहत तीन किलोमीटर से अधिक का पैदल मार्च निकाला जाएगा। इसके बाद महात्मा गांधी के चित्र के साथ मनरेगा को कमजोर किए जाने के विरोध में भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।
28 दिसंबर को सभी ब्लॉक कांग्रेस कमेटियां अपने क्षेत्रों में मुख्य मार्गों से होते हुए तीन किलोमीटर से अधिक का पैदल मार्च निकालेंगी। वहीं, 30 या 31 दिसंबर को मंडल, नगर कांग्रेस कमेटियां गांव-गांव, ढाणी-ढाणी और कॉलोनियों में गोष्ठियां और प्रभात फेरियां निकालकर अरावली को नष्ट करने और मनरेगा को कमजोर करने के कथित षड्यंत्र को उजागर करेंगी।
केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अरावली क्षेत्र में नए खनन पट्टों पर रोक लगा दी है। केंद्र ने राज्य सरकारों को अरावली में किसी भी प्रकार के नए खनन पट्टे देने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्र सरकार के इस फैसले को एतिहासिक बताया है। वहीं, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र के फैसले में कुछ भी नया नहीं है।
अरावली पर्वतमाला की नई परिभाषा को लेकर आलोचनाओं से घिरी केंद्र सरकार ने अब इसके संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाया है। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अरावली क्षेत्र को अवैध खनन से बचाने के लिए रणनीति तैयार की है। इसके तहत राज्यों को अरावली क्षेत्र में किसी भी नए माइनिंग लीज के आवंटन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इस फैसले का असर दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात में फैले अरावली क्षेत्र पर पड़ेगा।
Published on:
26 Dec 2025 10:40 am
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