जयपुर। समेत पूरे प्रदेश में मौसम के पलटवार से अप्रेल माह में सर्दी का अहसास हो रहा है। बीते चार साल में चैत्र मास में सबसे ज्यादा सात बार मेघ मेहरबान रहे हैं। ऐसे में विभिन्न जिलों में हुई बारिश व ओलावृष्टि से तापमान में छह डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में हुई बारिश व ओलावृष्टि से फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में मौजूद गेहूं की फसल पर खराब होने का भय बना हुआ है। इससे अन्नदाता परेशान हैं। पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से पूरा मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक शनिवार-रविवार को मौसम शुष्क रहेगा। फिर एक और नया पश्चिमी विक्षोभ तीन अप्रेल को सक्रिय होगा। बीकानेर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र में मेघ पूरी तरह से मेहरबान होंगे।
इन जिलों में गेहूं, चना और सरसों की फसल प्रभावित
बीते दिन जयपुर समेत अन्य जिलों में मेघ मेहराबन रहे। कोटपूतली, श्रीगंगानगर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, भरतपुर और कोटा संभाग में बारिश हुई। बेमौसम बारिश के कारण किसानों का काफी नुकसान हुआ है। इस बार गेहूं, चना और सरसों की फसल प्रभावित हुई है। सरसों में कम और गेंहू की फसल में किसानों को ज्यादा नुकसान हुआ है। अभी भी गेहूं की फसल खेत में खड़ी है। कई जगह गेहूं की कटाई का काम भी चल रहा है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। केंद्र सरकार के मुताबिक सीजन 2022-23 में 10 लाख टन गेहूं का उत्पादन कम होगा, जबकि सरकार ने इस सीजन के लिए 112.18 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का का लक्ष्य रखा था।