जयपुर. पुरुष अपने अहम का कैदी है और उसे ठेस पहुंचने पर बेकाबू हो जाता है। तब वह अपने सबसे करीबी रिश्ते का भी दम घोंटने से बाज नहीं आता। जवाहर कला केन्द्र के रंगायन सभागार में गुरुवार को गंधर्व थियेटर की ओर से नाटक ‘अंधेरे रोशनी के’ का मंचन हुआ। रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर सौरभ श्रीवास्तव ने इसका एडेप्टेशन और निर्देशन किया है। पैट्रिक हैमिल्टन (1938 में) के लिखे साइकोलॉजिकल थ्रिलर ‘गैस लाइट’ को सौरभ ने ‘अंधेरे रोशनी केÓ नाम से नाट्य रूपांतरण में बदला है, जिसे जल्द ही पब्लिश भी किया जाएगा।


