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जयपुर

सुनहरे धोरों से ग्रीन एनर्जी

बीकानेर के रेतीले धोरों की बंजर जमीन से घिरे जलालसर गांव का नाम देश ही नहीं, दुनिया के नक्शे पर उभरने जा रहा है। इसके आस-पास के गांव जामसर, कालासर, चक अकडियावाला, हापासर के रकबे में सोलर एनर्जी से जुड़ी कम्पनियां अपने प्लांट लगा रही हैं।

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बीकानेर के रेतीले धोरों की बंजर जमीन से घिरे जलालसर गांव का नाम देश ही नहीं, दुनिया के नक्शे पर उभरने जा रहा है। इसके आस-पास के गांव जामसर, कालासर, चक अकडियावाला, हापासर के रकबे में सोलर एनर्जी से जुड़ी कम्पनियां अपने प्लांट लगा रही हैं। कम्पनियां जमीन खरीदने के साथ ही किसानों से 20 साल के लिए भूमि का किराया अनुबंध कर रही हैं। सबसे बड़ी बात है कि यह इलाका ग्रीन एनर्जी का उत्पादन देगा, जो कोयला और परमाणु ऊर्जा से बिजली उत्पादन का ग्रीन विकल्प बनकर उभरेगा। प्रदेश के बीकानेर, जोधपुर, अजमेर और हनुमानगढ़ जिले से होकर गुजरने वाले गुजरात के बनासकांठा से पंजाब के मोगा ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर का कार्य पूरा हो गया है। तीन साल में तैयार हुए इस ग्रीन कॉरिडोर की डबल सर्किट लाइनों और बीकानेर के जलालसर में पॉवर ग्रिड स्टेशन पर करीब दो सौ करोड़ रुपए की लागत आई है। ग्रिड स्टेशन का कार्य पूरा होने के साथ ही 30 जून तक कॉरिडोर को चार्ज करने यानि बिजली की सलाई शुरू करने तैयारी चल रही है।