जयपुर.
प्रकृति का मनुष्य को विकसित करने के लिए सबसे पहला नियम ऑक्सीजन है। हमें अपने जीवन में सभी नियम पता होते हैं लेकिन जिस प्रकार व्यापार भी नियम से चलता है, उसी प्रकार जीवन को भी नियम की आवश्यकता है। प्रकृति के तीन नियम जीवन में अति आवश्यक है। पहला ऑक्सीजन, दूसरा भोजन और तीसरा नींद जिसको हम विश्राम (ध्यान) कहते हैं इसके बिना जीवन नीरस है। यह प्रेरणादायी उदबोधन मंगलवार को सन टू ह्यूमन संस्था की ओर से नए दृष्टिकोण वाले शिविर के दौरान सीकर रोड स्थित भवानी निकेतन परिसर में सन टू ह्यूमन मिशन की वरिष्ठ प्रशिक्षिका मां गार्गी ने जनसमूह को दिए। उन्होंने कहा कि यदि हम अपने जीवन में आनंद चाहते है तो उसकी शुरुआत शरीर से ही करनी होगी और शरीर के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त नियमों को समझना होगा। सम्यक आहार, सम्यक व्यायाम, सम्यक निद्रा यह शरीर में ऊर्जा का निर्माण करती है।
परम आलय आज पहुंचेगे जयपुर
शहरभर में विभिन्न जगहों से शिविर में सभी उम्र के 15000 से अधिक लोग मौजूद रहे। परमानंद, संजय माहेश्वरी, नरेंद्र वैद्य, कमल सोमानी, विवेक लड्ढा, आलोक तिजारिया मौजूद रहे। शिविर का समापन रविवार को होगा। इस मौके पर लोगों को विभिन्न आसनों की जानकारी दी। राजेश नागपाल ने बताया कि दो घंटे के शिविर के बाद लोगों को सात्विक ऊर्जावान नाश्ता दिया गया। संजय महेश्वरी ने बताया कि सन टू ह्यूमन, इंदौर के प्रणेता परम आलय बुधवार को जयपुर पहुंचेंगे। वह मन, बुद्धि, भावना, विवेक सहित मन की शक्तियों को विकसित करने के सूत्रों को बताएंगे।

