जयपुर. कंधों पर कावड़ लिए भक्त, गुलाबी रंग के लहरिये में सिर पर कलश धारण किए हुए मातृशक्ति और शिव का उदघोष। रविवार को छोटीकाशी पूरी तरह से भोले के रंग में रंगी नजर आई। मौका था डबल शंकर महादेव विकास समिति की ओर से 20 वीं निकाली गई कावड व कलश यात्रा का। भोले के भक्तों ने गलता व हरिद्वार से लाए गंगा के पवित्र मिश्रित जल से शिव का अभिषेक किया। गलता तीर्थ से अलसुबह कावड में पवित्र जल भर कर रवाना हुए भक्तों का काफिला जैसे ही परकोटा क्षेत्र में पहुंचा तो शहरवासियों ने पलक पावंडे बिछा दिए।

संयोजक शरद खण्डेलवाल की अगुवाई में कावड़िए भोले की भक्ति के साथ देशभक्ति के रंग में तिरंगा और केसरियां रंग के ध्वजा थामे नजर आए। अजमेर से आए बैंड की थाप और लवाजमे के बीच कावडियों का जगह—जगह व्यापार मंडल के पदाधिकारियों व सर्वसमाज के प्रतिनिधियों ने फूल बरसाकर व आरती उतार कर स्वागत किया। पूर्व महापौर ज्योति खण्डेलवाल की अगुवाई में 1100 महिलाओं ने कावड़ यात्रा के साथ कलश यात्रा का संगम का नजारा देखने लायक रहा। चौड़ा रास्ता स्थित द्वारकाधीश मंदिर से रवाना होकर महिलाएं शामिल हुई। संत सीताराम दास महाराज, मानस गोस्वामी सहित अन्य ने यात्रा का स्वागत किया। ढोल ताशों व डमरू पर जमकर कांवड़ियों ने भक्ति की। करीब चार घंटे विभिन्न मार्गो से होते हुए कावड कलश यात्रा जैसे ही बाबा हरिश्चन्द्र मार्ग स्थित डबल शंकर महादेव मंदिर पहुंची। यहां कावडियों व कलश धारण की हुई महिलाओं ने भगवान शंकर का जलाभिषेक किया। शाम को डबल शंकर महादेव मंदिर भूतनाथ की भव्य झांकी सजाइ गई।

गलता तीर्थ में अलसुबह से दिखी लखदक
सावन के छठें सोमवार से एक दिन पहले रविवार को सावन के दूसरे प्रदोष पर अलसुबह से दिनभर शिवभक्तों की टोलियां नजर आई। रात से ही हर उम्र के कांवड़िए गलता तीर्थ में पहुंचें। शिव के रूप में भी कांवड़िए नजर आए। अलसुबह से ही यहां से कांवड़ यात्राएं निकलना शुरू हुई भोलेनाथ के जयकारे गुंजायमान रहे। दिनभर में यहां से 150 से अधिक यात्राएं निकली। सड़कों पर जगह—जगह कांवड़ियों का स्वागत करने के साथ ही जलपान की व्यवस्था की। सोमवार को शहर के प्रमुख शिवालयों सहित अन्य शिवालयों में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के लिए भक्तों का तांता उमड़ेेगा।