चित्तौडग़ढ़ अजमेर के प्रख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में पीछे की ओर लगाया जाने वाला जन्नती दरवाजा चित्तौडग़ढ़ में बनकर अजमेर की दरगाह में पेश किया जाएगा। दरवाजे के निर्माण से जुड़े मोहम्मद यूसुफ ने बताया कि बांग्लादेश निवासी सैयद अशरद, सैयद मोहम्मद हसार, सैयद मेहद द्वारा इस दरवाजे का निर्माण करवाया जा रहा है जो चित्तौडग़ढ़ के कारीगर मोहम्मद अयूब मलकानी के निर्देशन में इस्तिगार मलकानी, इलियास, नाहर खान, समीर खान, मोइन खान आदि कारीगरों ने इस दरवाजे को तैयार किया है। पीतल से निर्मित यह जन्नती दरवाजा चार माह की कड़ी मेहनत और लगन के बाद बनकर तैयार हुआ है। इसे मदीना शरीफ के दरवाजे की तर्ज पर तैयार किया गया है। जिस पर कलमा शरीफ जालियों पर उकेरा गया है।