कर्नाटक की गठबंधन सरकार पर छाए संकट के बादल जल्द ही छंटते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं। सभी को चौंकाते हुए मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत साबित करने का फैसला लिया है। बंगलुरू में कल विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सदन में बहुत परीक्षण करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इससे बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद पैदा हुई असमंजस की स्थिति पर विराम लग जाएगा। कुमारस्वामी की बात का सिद्धारमैया ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि बहुमत परीक्षण कराने का फैसला गठबंधन के दोनों साझेदारों ने मिलकर लिया है। बिना नंबरों के कोई विश्वास मत नहीं जीत सकता। हमारे पास नंबर हैं। आपको बता दें कि इसके बाद कांग्रेस के लिए राहत की खबर उस समय आई जब एच नागेश, डीके शिवकुमार से मिलने के बाद नरम दिखाई दिए। वहीं कांग्रेस लगातार अपने बागी विधायकों को मनाने का प्रयास कर रही है। वहीं विधानसभा में शक्ति परीक्षण के चलते भाजपा नेता येदुयिरप्पा ने अपने विधायकों को साथ लंच पर बैठक की। वहीं कर्नाटक में जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। इन बागी विधायकों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया है। अब उनके इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार की ओर से स्वीकार कर लिया जाना चाहिए। अपनी याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से मांग की है कि वह विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दे कि वह विधायकों को अयोग्य नहीं बताएं और उनका इस्तीफा स्वीकार करें। विधायकों ने यह भी दावा किया कि इस्तीफा देने पर उनके खिलाफ कोई अयोग्यता की कार्यवाही नहीं हुई थी। वहीं भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि हम अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार हैं। इस बारे में हम सोमवार तक प्रतीक्षा करेंगे।