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भले ही सरकार कोई भी दावा करें, लेकिन हकीकत ये हैं ….

- कृषि विज्ञान केंद्र करमोदा- केवीके में बिजली बनी बैरन, लैब में भी बत्ती गुल- दिन में कई-कई बार होती है बिजली कटौती- रोजाना आठ से नौ मिट्टी के नमूने ही ले पा रहे - सॉयल टेस्ट मशीन की सुविधा

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सरकार कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से भले ही किसानों को मिट्टी-पानी जांच आदि सुविधाएं देने के दावे करती है, लेकिन करमोदा केवीके पर हकीकत कुछ और ही बयां करती है। पत्रिका टीम ने जब केवीके पर पड़ताल की तो पता चला कि स्टाफ की कमी और बिजली कटौती के कारण वैज्ञानिक रोजाना महज आठ से नौ मिट्टी जांच के सेंपल ले पा रहे हैं।
सवाईमाधोपुर जिले के किसानों को मिट्टी, उर्वरक, आदि जांचों की सुविधा देने के लिए गत साल करमोदा स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पर सॉयल टेस्टिंग लैब शुरू की गई थी, लेकिन इन दिनों यहां बिजली कटौती बैरन बनी है। बीते दिनों जब पत्रिका ने मौके पर स्थिति देखी तो पहले तो लैब पर ताला लगा मिला। इसके बाद ताला खुलवाया तो लैब कक्ष में बिजली बंद थी। इससे कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारी रोजाना आठ से नौ मिट्टी जांच के सैम्पल ही ले पा रहे है। यहां चौबीस घंटे में से महज चौदह-पंद्रह घंटे बिजली आ रही है। दिन में कई-कई बार कटौती होती है। केवीके में पिछले साल मार्च में करीब छियासी हजार रुपए की दो सॉयल टेस्टिंग लैब मंगवाई गई थी। इसके बाद से यहां सॉयल टेस्टिंग लैब की शुरूआत हो गई थी।

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