17 वीं लोकसभा बड़ा इतिहास रचने जा रही है। अब तक की लोक सभाओं से यह लोकसभा पूरी तरह से अलग होगी। उन सांसदों के लिए खासकर, जो पहली बार चुनकर आए हैं। इन सांसदों ने सोचा भी नहीं होगा कि उनको सरकार बनने के बाद चलने वाले पहले ही सत्र की बहस में भाग लेने का मौका मिलेगा, लेकिन लोकसभा के नए अध्यक्ष ओम बिरला की पहल ने इन नए सांसदों का बोलने का सपना पहले ही सत्र में सच कर दिया है। देश की 17 वीं लोकसभा के मई में आए परिणामों में 265 सांसद पहली बार चुनकर आए हैं। इसके बाद सभी सदस्यों की शपथ लोकसभा में हुए… अमूमन पहले सत्र में वरिष्ठ सदस्यों की सक्रियता ज्यादा रहती है और नए सदस्य पहले सत्र की बहस या प्रश्नकाल में ही हिस्सा ले पाते हैं, क्योंकि वे नियम और प्रक्रिया को समझने के काम में लगे रहते हैं, लेकिन हर बार के इस ट्रेंड को इस बार बिरला ने पूरी तरह से बदल दिया।