जयपुर। चांदी की टकसाल के पास 3 मंजिला अवैध निर्माण को हैरिटेज नगर निगम ने आधी रात बाद जमींदोज कर दिया। सीएम अशोक गहलोत की फटकार के बाद हरकत में आये निगम प्रशासन ने भारी पुलिस जाप्ते के बीच दिन-रात कार्रवाई कर करीब 13 घंटे में अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
सुभाष चौक इलाके में रामप्रसाद आत्महत्या मामले के तूल पकड़ने के बाद नगर निगम जागा। निगम जाप्ता एक दिन पहले मंगलवार को अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने पहुंचा तो लोगों का विरोध झेलना पड़ा। कार्रवाई को करीब डेढ़ घंटे तक रोकना पड़ा। इसके बाद पुलिस के आला अफसरों और भारी जाप्ते के बीच निगम ने दोपहर 3 बजे कार्रवाई शुरू की। बेसमेंट सहित 4 मंजिला इमारत को तोड़ने के लिए निगम ने कार्रवाई के लिए तीन जेसीबी और एक लोकंडा मशीन लगाकर अवैध निर्माण को हटाना शुरू किया। सबसे पहले लोकंडा मशीन से छत को पंचर करना शुरू किया, वहीं जेसीबी से अवैध इमारत की दीवारों को तोड़ना शुरू किया। रात करीब 1.30 बजे पोकलेन आयी, उससे अवैध इमारत को गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। रात करीब 3.28 बजे अवैध इमारत जमीन में मिलती नजर आई।
सतर्कता उपायुक्त का विरोध
इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे सतर्कता उपायुक्त नीलकमल मीना को विरोध लोगों का विरोध झेलना पड़ा। भड़के लोगों ने मीना को घेरने की कोशिश की, हालांकि पुलिस जाप्ते ने सतर्कता उपायुक्त को अपनी गाड़ी में बैठाकर सुरक्षित निकाला। करीब डेढ़ घंटे बाद निगम ने पुलिस के आला अफसरों और भारी जाप्ते के बीच कार्रवाई शुरू की।
मलबा हटाना शुरू
दिन-रात की कार्रवाई के बाद निगम ने अलसुबह से मलबा हटाना शुरू कर दिया। निगम अवैध निर्माण का नामोनिशान मिटाने में जुट गया।
10 माह पहले निर्माण शुरू, शिकायत पर कार्रवाई भी नहीं
मंदिर की जमीन पर अवैध निर्माण कर होटल संचालित करने की तैयारी थी। करीब 2200 वर्ग गज मंदिर की जमीन में से 650 गज में सत्संग भवन के नाम से यह अवैध इमारत बनाई जा रही थी। निर्माण के साथ ही स्थानीय लोग इसके विरोध में उतरे, लेकिन रसूखात के चलते विरोध गौण हो गया। स्थानीय पार्षद रजत विश्नोई का कहना है कि 8 माह पहले होटल निर्माण की पहली छत डाली गई, तब लिखित में निगम में शिकायत की गई, लोगों ने भी शिकायतें की, लेकिन अनदेखा कर दिया गया। अब सीएम की फटकार लगी तो रात को ही इमारत गिरानी पड़ी।