18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयपुर

निगम शिकायतों का नया पता अब स्वच्छता एप, पंद्रह दिन में स्वच्छता एप पर पांच हजार से ज्यादा शिकायतें मिली, साढ़े तीन हजार निपटाने का दावा

निगम शिकायतों का नया पता अब स्वच्छता एप, पंद्रह दिन में स्वच्छता एप पर पांच हजार से ज्यादा शिकायतें मिली, साढ़े तीन हजार निपटाने का दावा

Google source verification

स्वच्छता सर्वे-2019 में स्वच्छता एप डाउन लोड करने के 15 दिनों में लोगों ने एप पर नगर निगम को करीब पांच हजार शिकायतें भेजी। शिकायतों में सफाई नहीं होने, कचरे के ढेर लगे होने, सीवर और रोड लाइटों से संबंधित परेशानियां है। मेयर मनोज भारद्वाज व अधिकारियों का कहना है कि इन शिकायतों में से करीब साढ़े तीन हजार शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया। बाकी की शिकायतों को बुधवार तक दूर कर दिया जाएगा। शिकायतों में 2300 सफाई, 733 सीवर लाइनों, 434 कचरा नहीं उठने और 1500 शिकायतें रोड लाइटों से संबंधित हैं। शिकायतों को फोटो के साथ भेजने के कारण उसे कागजों में निस्तारण होना नहीं बताया जा सकता। इसीलिए निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों को शिकायतें दूर करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। मेयर मनोज भारद्वाज ने बताया कि शहरवासियों से स्वच्छता एप पर मिल रही शिकायतों को प्रथम प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जा रहा है। एप की शिकायतों का वर्गीकरण कर उन्हें संबंधित शाखा के अधिकारियों व जोन में भेजने के लिए 27 लोगों की टीम बनाई गई है। जयपुर को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए नगर निगम की ओर से बनाए गए सामुदायिक शौचालय केबिन की बदहाल स्थिति में अब सुधार की उम्मीद जगी है। दरअसल नगर निगम की ओर से राजधानी में करीब 300 सामुदायिक शौचालयों की सार-संभाल का जिम्मा सुलभ संस्थान को दिया गया है।
निगम ने पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत विशेषकर कच्ची बस्तियों में शौचालय केबिन बनाए थे। इनके मेंटेनेंस के लिए टेंडर जारी किए थे, लेकिन ठेकेदारों की ओर से इनकी देखरेख नहीं की जा रही थी। कई जगहों पर बदहाली की शिकायतें आ रही थी। हाल ही 31 दिसंबर को टेंडर पूरा हो गया। इसके बाद एक जनवरी से निगम ने इन शौचालयों की देखरेख का जिम्मा सुलभ संस्थान को दे दिया। राजधानी में पहले से ही करीब एक हजार से अधिक शौचालयों की देखरेख संस्थान की ओर से की जा रही है।
आपको बता दें राजधानी में सुलभ शौचालयों में कहीं पानी की सुविधा नहीं है तो कहीं ताले लटके हुए हैं। ऐसी स्थिति में शहरवासियों को परेशानी हो रही है।