जयपुर। बारिश में शवयात्रा निकालना भी मुश्किल भरा काम हो गया है। पिछले दिनों बारिश के दौरान राजस्थान के अनेक जिलों से शवयात्रा व दाह संस्कार के हद्वय विदारक दृश्य देखने को मिले हैं। एक श्मशान घाट में टीनशेड नहीं होने के कारण तिरपाल लगाकर दाह संस्कार करना पड़ा था। वहीं एक गांव में श्मशान घाट तक जाने का रास्ता ही बंद मिला तो दूसरे रास्ते से जाना पड़ा। यहां घुटनों तक पानी ही पानी भरा था। अब यह एक और मामला सामने आया है कि जिसमें शवयात्रा ही दलदल में में फंस गई।
अंतिम यात्रा भी बन गई कष्टदायक
यह मामला सवाईमाधोपुर जिले का है। मलारना डूंगर क्षेत्र के ग्राम पंचायत निमोद के बरियारा गांव में अतिवृष्टि से हालात बदतर हो रहे हैं। पानी निकासी के मार्ग अवरुद्ध होने से जनजीवन प्रभावित है। हालात यह है की अंतिम यात्रा भी कष्टदायक बन गई है। श्मशान घाट तक जाने के लिए भी सुरक्षित रास्ता नहीं है। कांधों की जगह शव वाहन में ले जाना मजबूरी बन गई है। स्थानीय निवासी फेलिराम गुर्जर ने बताया कि मंगलवार को गांव में एक 80 वर्षीय वृद्धा का निधन हो गया। अंतिम संस्कार के लिए शव ट्रैक्टर ट्रॉली में रख कर श्मशान घाट ले जाने लगे, लेकिन रास्ते मे दलदल में ट्रैक्टर ट्रॉली फंस गया। इसे निकालने के लिए दूसरे ट्रैक्टर लाया गया। यह भी फंस गया। बाद में लोडर की मदद ली गई।
प्रशासन से गुहार, लेकिन समाधान नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि कांधों पर शव लेकर जाए तो, कीचड़ में फिसलने का डर है। वाहन से ले जाए तो वाहन फंस रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो बरियारा गांव के श्मशान को जाने वाले रास्ते की तरफ कुछ लोगों ने पानी निकासी को रोक दिया है। इससे जलजमाव हो रहा है। कई बार प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन समाधान नहीं हुआ। इससे पूर्व बीते दिनों 3 से 4 फिट तक पानी मे होकर शव ले जाना पड़ा था।
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