भारत और पाकिस्तान के बीच श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को गुरुनानक देव जी की 550वीं प्रकाश पर्व पर खोला जाएगा। पाकिस्तान सरकार ने इसे लेकर घोषणा कर दी है। गौरतलब है कि हाल ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ताजपोशी के दौरान पाकिस्तानी जनरल बाजवा से गले लगने को लेकर विवादों में आए पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह इस बारें चर्चा की थी। हालांकि इस मामले पर पहले पाकिस्तान ने हिला हवाली की थी लेकिन आज पाकिस्तान ने घोषणा कर दी है। पाकिस्तान के इस कदम को भारत-पाकिस्तान के बीच विश्वास बहाली के कदम के रूप में देखा जा रहा है। प्रकाश पर्व के मौके पर अब भारतीय बिना वीजा के पाकिस्तान जा सकेंगे। आपको बता दें कि यह गुरुद्वारा भारतीय सीमा से केवल चार किलोमीटर है। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास पाकिस्तान के जिला नारोवाल स्थित गुरुद्वारा साहिब सिख जगत का पहला गुरुद्वारा है। करतारपुर शहर की नींव भी उस समय श्री गुरुनानक देव जी ने रखी थीं। उनका जन्म भले ही ननकाना साहिब में हुआ, लेकिन उन्होंने अपने जीवन के अंतिम 18 साल इसी स्थान पर बिताए और यहीं ज्योति जोत समाए थे। इतना ही नहीं, गुरुनानक देव जी ने लंगर परंपरा की शुरूआत भी यही पर की थी। दुनिया भर की सिख संगत सिख संगत की तरफ से मांग की जा रही थी कि भारत-पाकिस्तान में श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खोला जाए। आपको बता दें कि इस कॉरिडोर को लेकर 30 अगस्त से ही हलचल चल रही थी। राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बसारिया ने पिछले दिलों छह सदस्यीय दल के साथ श्री करतारपुर साहिब नारोवाल स्थित गुरुद्वारा साहिब का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने भारत से इस गुरुद्वारे तक के रास्ते का भी जायजा लिया था। यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय उच्चायुक्त ने वहां का दौरा किया था। इस मौके पर बसारिया ने गुरुद्वारे में जपजी साहिब का पाठ करवाया और अरदास करवाई। इस मौके उन्होंने श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की इमारत से भारत स्थित डेरा बाबा नानक सीमा को देखा। इस मौके पर ग्रंथी भाई ग्रंथी भाई गोबिंद सिंह ने उनको गुरुद्वारे साहिब के इतिहास की जानकारी दी।