जयपुर. ‘बच्चा है तो पीटा जा सकता है गरीब है तो शोषण किया जा सकता है’, ‘आखिर किस के डर ने काले को बनाया डरावना, समेत कई कविता सुनाकर कवियों ने अफ्रीका में औपनिवेशवाद के खिलाफ चल रहे आंदोलन का समर्थन किया। मौका था विश्व शांति दिवस के अवसर पर राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी में आयोजित कार्यक्रम ‘कविता पाठ’ का।

किताब ‘भैरवी’ का विमोचन
कार्यक्रम में पत्रकार राजेश शर्मा की किताब ‘भैरवी’ का विमोचन हुआ। प्यार का महत्व बताते हुए फारूक आफरीदी ने कहा कि भारत-पाक के बीच जंग छिड़ी हुई है, उसका समाधान प्यार से ही होगा। वहीं अनिल सक्सेना ललकार की पुस्तक ‘आख्यायिका’ का भी विमोचन हुआ। इस दौरान अकादमी निदेशक बी.एल. सैनी भी मौजूद थे।

अफ्रीका में सत्याग्रह
राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, वल्र्ड पोएट्री मूवमेंट, कृत्या एवं कलमकार मंच की सहभागिता में आयोजित कार्यक्रम में लेखक मनीषा कुलश्रेष्ठ ने अपनी अफ्रीका की जर्नी शेयर की, जिसमें वहां के मजदूरों की स्थिति, जंगलों की आग, सत्याग्रह आंदोलन के बारे में जानकारी बताया।
