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राजस्थान के मंदिरों में धार्मिक शिक्षा, क्या है उद्देश्य… देखिए VIDEO

Jaipur Temple: राजधानी जयपुर के 50 मंदिरों के साथ प्रदेश के बड़े शहरों में धार्मिक शिक्षाएं दी जाएगी। इनमें विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राएं धर्म के सिद्धांतों के बारे में बताएगी।

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जयपुर। राजधानी जयपुर के 50 मंदिरों के साथ प्रदेश के बड़े शहरों में धार्मिक शिक्षाएं दी जाएगी। इनमें विभिन्न महाविद्यालयों की छात्राएं धर्म के सिद्धांतों के बारे में बताएगी। श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति संस्थान के तहत संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय, श्री दिगम्बर जैन महिला महासमिति राजस्थान अंचल और संयुक्त महिला संभाग के तत्वावधान में 11 दिवसीय श्रमण संस्कृति संस्कार शिक्षण शिविर का आयोजन किया जाएगा। जयपुर के 50 मंदिरों के साथ प्रदेश के अन्य जैन मंदिरों में ये शिविर सोमवार से शुरू होंगे। इनमें महाविद्यालय की छात्राएं जैन धर्म के सिद्धांतों के बारे में अध्ययन कराएंगी। रविवार को शिविर के बहुरंगीय पोस्टर का विमोचन किया गया।

मुख्य संयोजक उत्तम चन्द पाटनी ने बताया कि ग्रीष्म अवकाश में आयोजित इन धार्मिक संस्कार शिक्षण शिविरों के माध्यम से जयपुर शहर के 50 मंदिरों सहित पूरे प्रदेश के विभिन्न शहरों के दिगम्बर जैन मंदिरों में धर्म प्रभावना की जाएगी। पहली बार इन शिक्षण शिविरों में संत सुधासागर बालिका महाविद्यालय की विदुषियों द्वारा बच्चों, युवाओं, महिलाओं व पुरुषों सहित हजारों श्रावकों को अध्ययन एवं ज्ञान से संस्कारित किया जाएगा। आचार्य विद्यासागर के आशीर्वाद व मुनि पुंगव सुधा सागर की प्रेरणा से इन शिविरों से श्रावकों में संस्कारों का शंखनाद किया जाएगा।

इन ग्रंथों का कराएंगे अध्ययन
शालिनी बाकलीवाल ने बताया कि इन शिविरों में जैन धर्म शिक्षा भाग प्रथम एवं द्वितीय, छहढाला, द्रव्य संग्रह, इष्टोपदेश, तत्त्वार्थसूत्र, भक्तामर स्तोत्र, रत्नकरण्डक श्रावकाचार व अन्य ग्रन्थों का अध्ययन करवाया जाएगा।

यहां आयोजित होंगे शिविर
विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि श्री दिगम्बर जैन महासमिति महिला अंचल की ओर से शिविर जयपुर के 50 जैन मंदिरों सहित किशनगढ़, अजमेर, दूदू, ब्यावर, नसीराबाद, कुचामन, सांभर, फुलेरा, केकड़ी, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, सवाईमाधोपुर, बूंदी, आवां, चांदखेड़ी, जोधपुर आदि स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक विषय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले श्रावकों की परीक्षा ली जाएगी और प्रथम आने वाले को सम्मानित किया जाएगा।