जयपुर. प्रदेश के रीको औद्योगिक क्षेत्रों में संचालित 40 हजार से अधिक औद्योगिक इकाइयों को रियायतों संबंधी एमनेस्टी स्कीम को राज्य सरकार ने 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। योजना की अवधि अब करीब एक वर्ष हो गई है। जानकारों के अनुसार इस अवधि विस्तार के बाद यह राज्य में पहली एमनेस्टी योजना है, जो सबसे लंबे समय तक प्रभावी रहेगी।
सरकार ने मौजूदा बजट में छह माह के लिए इसकी घोषणा की थी, जो 30 सितंबर को समाप्त हो गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही हुए इन्वेस्ट राजस्थान समिट के तहत इसकी अवधि छह माह तक और बढ़ाने को मंजूरी दी है। योजना के तहत विभिन्न प्रकार के शुल्क, जुर्माने और ब्याज राशि में 75 से 100 प्रतिशत तक छूट का प्रावधान है। मौजूदा योजना में सबसे बड़ी राहत आवंटित भूखंड पर निर्माण में हुई देरी पर उद्यमी से वसूले जाने वाले रिटेंशन चार्ज और भूखंड के उप विभाजन पर देय शुल्क को लेकर मिली है। इन दोनों मदों में 50 से 75 प्रतिशत तक की छूट एमनेस्टी योजना में दी गई है।
ये हैं प्रमुख रियायतें
– सर्विस चार्ज और आर्थिक किराए की राशि एकमुश्त जमा कराने पर ब्याज की राशि में 100 प्रतिशत छूट
– भूखण्ड पर निर्माण शुरू करने में देरी के नियमन पर देय धारण प्रभार में 75 प्रतिशत छूट
– भूखण्ड से उप विभाजित खण्ड के हस्तान्तरण पर देय शुल्क मे 50 प्रतिशत की छूट
– बकाया जल प्रभार एवं बकाया सीईटीपी शुल्क एकमुश्त जमा कराने पर जुर्माने में शत-प्रतिशत छूट
– वर्षा जल पुनर्भरण ढांचा बनाने के लिए निर्धारित समय सीमा में बिना जुर्माना बढ़ोतरी, ये सीमा पहले मार्च, 2022 तक थी।
– 30 जून 2021 तक बकाया चल रही भूमि प्रीमियम की किस्तें जमा कराने पर ब्याज में 50 प्रतिशत छूट