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Sawan 2024: राजस्थान में यहां सघन जंगल में विराजते हैं महादेव, 500 साल पूराना है इतिहास; जानें विशेषताएं

टपकेश्वर महादेव मंदिर (Tapkeshwar Mahadev Temple) अपने आप में अद्वितीय ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है। घने जंगल और हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित यह शिवालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है।

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कोटपूतली से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर बुचारा गांव की पहाड़ियों में स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर अपने आप में अद्वितीय ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व रखता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह तीर्थ स्थल लगभग 450-500 वर्षों पुराना है। घने जंगल और हरी-भरी पहाड़ियों के बीच स्थित यह शिवालय अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां बहने वाले भैरव क्यारा और अनेक झरने की धाराएं एक छोटी नदी का रूप लेते हुए मंदिर की सीढ़ियों को स्पर्श करती हैं। यहां के रैनी नदी को पार कर भक्तों को लगभग 150 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं जिसके बाद उन्हें भगवान टपकेश्वर महादेव के दर्शन होते हैं। मंदिर के पास एक पेड़ के नीचे प्राकृतिक जल स्रोत है, जिससे बारहों महीने जल रिसता रहता है। इसी कारण इस स्थल का नाम ‘टपकेश्वर महादेव’ पड़ा।