‘स्कीम फॉर एडल्ट गर्ल्स’ योजना की होगी नियमित मॉनिटरिंग
—स्कूल नहीं जाने वाली सभी चिन्हित बालिकाओं को मिलेगा बेबी मिक्स पोषाहार
जयपुर
केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल जून में शुरु की गई ‘स्कीम फॉर एडल्ट गर्ल्स’ योजना की मॉनिटरिंग में जुटेगा राज्य महिला एवं बाल विकास विभाग। इसकी सबसे बड़ी वजह है स्कूल नहीं जाने वाली बेटियों को पोषाहार नहीं मिल पाना। न्यूज टुडे ने करीब पांच माह पहले इस मामले की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। जिसमें बताया था कि प्रदेश में स्कूल नहीं जाने वाली 1 लाख 70 हजार बेटियां चिन्हित की गई है लेकिन सिर्फ 3 हजार 897 बेटियों को ही पोषाहार मिल रहा है। इस चौंकाने वाले आंकड़े के बाद अब विभाग ने सभी परियोजनाओं में लगे संबंधित अधिकारियों को नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए है। साथ ही जो बालिकाएं किसी कारणवश पोषाहार लेने से वंचित है उन्हें भी सूचीबद्ध करने को कहा है।
केंद्र सरकार बेटियों के लिए करोड़ों रुपए खर्च करके बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओं और सुकन्या समृद्धि व पोषाहार जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं चला रही है। लेकिन राज्य में इन योजनाओं का क्रियान्वयन करने को लेकर अफसर संजीदगी नहीं दिखा रहे है। इसकी एक बानगी किशोरी बालिकाओं के लिए चलाई जा रही पोषाहार योजना में देखी जा सकती है। जहां पर प्रतिदिन तकरीबन 2 लाख बेटियों को पोषाहार के रुप में ‘बेबी मिक्स’ आहार दिया जाना तय है लेकिन प्रदेश की महज 4 हजार बेटियों को ही बेबीमिक्स बांटा जा रहा है। बाकी बेटियों तक ये पोषाहार नहीं पहुंच रहा है। अब इस योजना से जुड़ी सभी तरह की जानकारी ‘राष्ट्रीय सूचना केंद्र पोर्टल’ पर डाली जा रही है। ताकि चिन्हित की गई सभी बालिकाओं को इसका लाभ मिल सका।
ये है योजना—
केंद्र ने किशोरी बालिकाओं के लिए ‘स्कीम फॉर एडल्ट गर्ल्स’ योजना लागू की है। इसके तहत स्कूल नहीं जाने वाली बालिकाओं को प्रतिदिन 155 ग्राम बेबी मिक्स दिया जाना निर्धारित है। 11 से 14 साल की बालिकाओं को ये बेबीमिक्स से 300 दिनों तक लाभान्वित किया जाना तय है। साथ ही प्रति किलोग्राम बेबीमिक्स की कीमत 60 रुपए भी निर्धारित की गई है।