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श्रीशिव पार्थिव महारुद्राभिषेक : गंगा, कैलाश मानसरोवर, पुष्कर व गलता तीर्थ के जल से जयपुर में होगा महाअभिषेक

Shrishiv Parthiv Maharudrabhishek श्री शिव महापुराण कथा समिति, जयपुर की ओर से 7 अगस्‍त को 15वां 251 सामूहिक श्रीशिव पार्थिव महारुद्राभिषेक का अनूठा आयोजन किया जाएगा।

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Shrishiv Parthiv Maharudrabhishek जयपुर। श्री शिव महापुराण कथा समिति, जयपुर की ओर से 7 अगस्‍त को 15वां 251 सामूहिक श्रीशिव पार्थिव महारुद्राभिषेक का अनूठा आयोजन किया जाएगा। इसमें यजमान दम्पती अलग-अलग पार्थिव शिवलिंग अपने समक्ष रखकर सस्वर, सविधिक, वृहद रुद्र पाठ से शिव पूजन-अर्चन एवं अभिषेक करेंगे। इस बार विशेष रूप से 108 औषधियों से भगवान आशुतोष शिव का अभिषेक किया जाएगा।

समिति के महामंत्री अरुण खटोड़ ने बताया कि वर्ष 2008 से समिति प्रत्येक वर्ष सामूहिक शिव पूजन करवाती आ रही है। इस बार 15वां सामूहिक श्री शिव पार्थिव महारुद्राभिषेक कार्यक्रम आयोजित होगा। इस बार का कार्यक्रम आज़ादी के 75वें अमृत महोत्‍सव को भी समर्पित रहेगा। कार्यक्रम में भारत माता के चित्र पर पुष्‍पाजंलीए तिरंगे झण्डे लगाकर व वंदे मातरम एवं राष्‍ट्रभक्‍ति के गीतों का गायन किया जाएगा।

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कार्यक्रम की शुरुआत 7 अगस्‍त को समिति के मुख्य संरक्षक व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया स्टेच्यू सर्किल से सुबह 8.30 बजे कलश यात्रा को रवाना कर करेंगे। कलश यात्रा में लवाजमा व बैण्ड की मधुर ध्वनियों एवं शिव भक्तों के जय घोष के साथ-साथ 251 महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर एवं 251 पुरूष अपने सिर पर पार्थिव शिवलिंग, विद्वान पंडित व भक्‍तजन भगवा व तिरंगे झण्डे लहराते हुए स्टेच्यू सर्किल का चक्कर लगाकर कार्यक्रम स्थल पर पहुँचेंगे।

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108 औषधियों से भगवान आशुतोष शिव का अभिषेक
समिति अध्यक्ष व महारुद्राभिषेक आचार्य सुरेश शास्त्री ने बताया कि श्री शिव पार्थिव महारुद्राभिषेक में भाग लेने वाले प्रत्येक यजमान दम्पती अलग-अलग पार्थिव शिवलिंग अपने समक्ष रखकर सस्वर अभिषेक करेगा। इस बार विशेष रूप से 108 औषधियों से भगवान आशुतोष शिव का अभिषेक किया जायेगा। सम्पूर्ण रूद्री पाठ दौरान गंगाजलए दुग्धए पंचामृतए गन्ने का रसए विज्या ;भांगद्ध आदि से पार्थिव शिवलिंगों का अभिषेक किया जायेगा। रुद्राभिषेक के लिये हरिद्वार से गंगाजल का टैंकर, कैलाश मानसरोवर, गलता एवं तीर्थराज पुष्कर से जल मंगवाया गया है।

वंदे मातरम गायन
251 पार्थिव शिवलिंगों का यजमान दम्पतियों की ओर से अभिषेक करवाने के बाद वंदे मातरम गायन एवं महाआरती की जाएगी। महाआरती के बाद पूजित पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन अगले दिन विधि.विधान से हरिद्वार में समिति के प्रमुख कार्यकर्ताओं की ओर से करवाया जायेगा।