दरअसल इस गांव मे पिछले कई वर्षो से गर्मी का मौसम आते ही मुख्यत पशुओ के लिए भयंकर पेयजल संकट खड़ा हो जाता।हालांकी गांव के टांके मे पेयजल विभाग से पानी की आपूर्ति तो होती है लैकिन गर्मियो के मौसम मे नाम मात्र का पानी आने के कारण ग्रामीणो को मजबुरन दूर दराज से महंगे दामो मे पानी का टेकंर मंगवाना पड़ता था। इस बार भी गर्मियो का मौसम शुरू होने से पहले ग्रामीणो को पेयजल की चिंता सताने लगी।तब एक दिन सभी ग्रामीण एकत्रित हुए और पशुओ हेतु पेयजल की चिंता से छुटकारा पाने के लिए गांव के पास बने प्राचीन तालाब में चंदा से धनराशी एकत्रित कर कुआ खुदवाने की सहमति बनी। इसके लिए गांव के दो नौजवान भोलाराम जाट व कुम्भाराम जाट को राशि एकत्रित करने व कुआ खुदवाने की जिम्मेदारी सौपी गई। दोनो नौजवानो ने लगभग दो महिने की अथक मेहनत से तालाब में कुआ खुदवाकर उसमे साईड बोरिंग करवाए और कुंए का पक्का निर्माण करवाया । कुंए मे गांव के पशुओ हेतु उपयुक्त पेयजल उपलब्ध हो गया। वही कुंए से लगभग दौ सो मीटर दूर बने बड़े हौद को पाईप लाईन से जोड़ा, कुंए मे सबमर्सिबल मोटर लगाकर हर दिन उस हौद को पानी से भर देते है जिससे गांव के पालतु व आवारा मवेशी सहित कई जानवर अपनी प्यास बुझाते है। अब गांव मे पशुओ के पेयजल हेतु कोई समस्या नही है,और शायद ही भविष्य मे होगी।