सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि भारतीय बच्चे को गोद लेने की इच्छा रखने वाले विदेशियों को पहले उस देश से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेना होगा, जहां वे बच्चे को ले जाना चाहते हैं। साथ ही कहा कि कोर्ट में रिट याचिका दायर करने से जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट 2015 की धारा 59 (12) की कानूनी जरूरत से छूट नहीं दी जा सकती। इसके लिए वे दिल्ली स्थित अपने देश के दूतावास या उच्चायोग या कूटनीतिक मिशन से भी एनओसी ले सकते हैं। अदालत ने यहा फैसला ऑस्ट्रेलियाई महिला केरीनाजेन क्रीडा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है। कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस इंद्रा बनर्जी और अजय रस्तोगी कि अवकाश पीठ ने कहा कि यह ठीक है कि महिला बच्चे के साथ अपनत्व विकसित कर चुकी है और हम भी मानते हैं कि ऐसी मां पाना उसके लिए सौभाग्य की बात होगी लेकिन कानून की जरूरत को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते।